Supreme Court
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नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट (Shiv sena UBT) और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के शरद पवार गुट (Sharad Pawar Faction) द्वारा दायर याचिकाओं पर 30 अक्टूबर को सुनवाई करने वाला है, जिसमें महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष को कुछ विधायकों के खिलाफ दायर अयोग्यता से जुड़ी याचिकाओं पर शीघ्र निर्णय लेने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है।

प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ के नेतृत्व वाली पीठ दोनों गुटों द्वारा दायर दो अलग-अलग याचिकाओं पर सुनवाई करने वाली है। एक सप्ताह की दशहरा छुट्टी के बाद उच्चतम न्यायालय फिर से खुलने जा रहा है। गत 17 अक्टूबर को, उच्चतम न्यायालय ने महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर को शिवसेना के दोनों गुटों की ओर से दायर याचिकाओं पर फैसला करने के लिए एक वास्तविक समय-सीमा बताने का अंतिम अवसर दिया था।

पार्टी में टूट के बाद, ये याचिकाएं एक-दूसरे के गुट के विधायकों को अयोग्य घोषित करने के लिए एकनाथ शिंदे और उद्धव ठाकरे नीत गुटों की ओर से दायर की गई थीं। न्यायालय ने कहा कि अयोग्यता याचिकाओं का शीघ्रता से निर्णय करना होगा। प्रधान न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की इस दलील पर गौर किया कि वह दशहरा की छुट्टियों के दौरान स्पीकर से व्यक्तिगत रूप से बातचीत करेंगे।

न्यायालय ने विषय की सुनवाई 30 अक्टूबर के लिए निर्धारित करते हुए कहा था, ‘‘हम ज्यादा समय लिए जाने से खुश नहीं हैं। सॉलिसिटर जनरल ने कहा है कि दशहरा की छुट्टियों के दौरान वह व्यक्तिगत रूप से स्पीकर से बातचीत करेंगे, ताकि एक निश्चित तौर-तरीकों का संकेत दे सकें।”

न्यायालय ने पूर्व में, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उनके विश्वस्त कई विधायकों को अयोग्य घोषित करने के लिए उद्धव ठाकरे गुट द्वारा दायर याचिकाओं पर फैसला करने में देरी को लेकर विधानसभाध्यक्ष के प्रति नाखुशी जताते हुए कहा था कि वह (स्पीकर) शीर्ष न्यायालय के आदेशों की अनदेखी नहीं कर सकते हैं। इसी तरह की अयोग्यता याचिकाएं शिंदे गुट ने भी ठाकरे के प्रति निष्ठा रखने वाले विधायकों के खिलाफ दायर की हैं। (एजेंसी)