Budget Session of Parliament
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नई दिल्ली. नरेंद्र मोदी सरकार ‘एक देश एक चुनाव’ का बिल (One Country One Election Bill) ला सकती है। सरकार ने संसद के विशेष सत्र में यह बिल पेश कर सकती है। इसके अलावा समान नागरिक संहिता (UCC) और महिला आरक्षण बिल भी पेश किया जा सकता है। यह जानकारी गुरूवार को सूत्रों ने दी है।

सूत्रों के मुताबिक सरकार ने पांच दिनों का संसद का विशेष सत्र बुलाया है, जो 18 से 22 सितंबर तक चलेगा। ‘एक देश एक चुनाव’ का बिल का उद्देश्य केंद्र और राज्यों के चुनाव एक साथ कराना है। यानी देश में विभिन्न राज्यों के चुनाव अलग-अलग समय पर नहीं होंगे। इससे समय बचेगा और देश के मुद्दों पर ध्यान ज्यादा केंद्रित किया जा सकेगा। साथ ही इसमें खर्चा भी कम होगा।

गौरतलब है कि इस साल मध्य प्रदेश, राजस्थान, छतीसगढ़ और तेलंगाना में विधानसभा चुनाव होने है। वहीं, अगले साल यानी 2024 में लोकसभा चुनाव और महाराष्ट्र और हरियाणा में विधानसभा चुनाव होंगे।

संसद के विशेष सत्र पर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा, “मुझे लगता है कि शायद यह थोड़ी घबराहट का सूचक है। उसी तरह की घबराहट जैसी घबराहट तब हुई थी जब मैंने संसद भवन में भाषण दिया था, घबराहट की वजह से अचानक उन्हें मेरी संसद सदस्यता रद्द करनी पड़ी। इसलिए मुझे लगता है कि यह घबराहट की बात है क्योंकि ये मामले प्रधानमंत्री के बहुत करीब हैं। जब भी आप अडाणी का मामला छेड़ते हैं तो प्रधानमंत्री बहुत असहज और घबरा जाते हैं।”

अधीर रंजन चौधरी ने कहा, “संसद के विशेष सत्र को लेकर हमें कोई जानकारी नहीं मिली। हमें ट्वीट के माध्यम से सत्र के बारे में पता चला, हमें किसी भी तरह का नोटिस, पत्र या फोन करके इसकी जानकारी नहीं दी गई।”

वहीं,  शिवसेना (UBT) सांसद प्रियंका चतुवेर्दी ने कहा, “जिस तरह से प्रह्लाद जोशी ने चोरी-चोरी, चुपके-चुपके यह निर्णय लेकर ट्वीट किया है- मेरा सवाल है कि देश का एक बहुत ही महत्वपूर्ण त्योहार गणेश चतुर्थी (उस समय मनाया जाएगा)…तो हम जानना चाहते हैं कि यह हिंदू विरोधी काम क्यों हो रहा है? यह फैसला किस आधार पर लिया गया है?…क्या यही उनकी ‘हिन्दुत्ववादी’ मानसिकता है?”