नई दिल्ली: राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (आरएसएस) (RSS) का आज 96वां स्थापना दिवस है। हिंदी तिथि के अनुसार विजयदशमी के दिन, 1925 में आरएसएस की स्थापना हुई थी। शुक्रवार को नागपुर (Nagpur) में आयोजित कार्यक्रम में आरएसएस चीफ मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) ने शस्त्र पूजा की और फिर स्वंयसेवकों को संबोधित करते हुए कहा कि, जनसंख्या (Population) नीति पर एक बार फिर से विचार किया जाना चाहिए।
न्यूज़ एजेंसी ANI के अनुसार, आरएसएस चीफ ने कहा कि, “जनसंख्या नीति पर 50 साल आगे तक का विचार कर नीति बनानी चाहिए और उस नीति को सभी पर समान रूप से लागू करना चाहिए, जनसंख्या का असंतुलन देश और दुनिया में एक समस्या बन रही है।” आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने इस मौके पर ओटीटी प्लेटफार्म को लेकर भी बड़ी बात कही। उन्होंने कहा कि, ओटीटी प्लेटफॉर्म पर जो दिखाया जाता है, उस पर कोई नियंत्रण नहीं है, कोरोना के बाद बच्चों के पास भी फोन हैं। नशीले पदार्थों का प्रयोग बढ़ रहा है, इसे कैसे रोकें? ऐसे व्यवसायों के पैसे का इस्तेमाल राष्ट्रविरोधी गतिविधियों के लिए किया जाता है। इन सब पर नियंत्रण होना चाहिए।
#WATCH | “…There’s no control over what’s shown on OTT platforms, post Corona even children have phones. Use of narcotics is rising…how to stop it? Money from such businesses is used for anti-national activities…All of this should be controlled,”says RSS chief Mohan Bhagwat pic.twitter.com/PLELLPExdL
— ANI (@ANI) October 15, 2021
भागवत ने अफगानिस्तान में तालिबान की हुकूमत को लेकर कहा कि, “हम तालिबान के इतिहास को जानते हैं…चीन और पाकिस्तान आज भी उसका समर्थन करते हैं… तालिबान भले ही बदले हों लेकिन पाकिस्तान नहीं… क्या भारत के प्रति चीन के इरादे बदल गए हैं?… हमारी सीमा सुरक्षा को मजबूत करने की जरूरत है।”
#WATCH | “…We know Taliban’s history…China and Pakistan support it to this day…Even if the Taliban changed, Pakistan didn’t… Has China’s intentions towards India changed.?… Our border security needs to be strengthened…,” says RSS chief Mohan Bhagwat pic.twitter.com/zkRSlMF99L
— ANI (@ANI) October 15, 2021
इस मौके पर मोहन भागवत ने कहा कि, जिस दिन हम स्वतंत्र हुए उस दिन स्वतंत्रता के आनंद के साथ हमने एक अत्यंत दुर्धर वेदना भी अपने मन में अनुभव की वो दर्द अभी तक गया नहीं है। अपने देश का विभाजन हुआ, अत्यंत दुखद इतिहास है वो, परन्तु उस इतिहास के सत्य का सामना करना चाहिए, उसे जानना चाहिए।
आरएसएस प्रमुख ने कहा कि, विश्व को खोया हुआ संतुलन व परस्पर मैत्री की भावना देने वाला धर्म का प्रभाव ही भारत को प्रभावी करता है। यह ना हो पाए इसीलिए भारत की जनता, इतिहास, संस्कृति इन सबके विरुद्ध असत्य कुत्सित प्रचार करते हुए, विश्व को तथा भारत के जनों को भी भ्रमित करने का काम चल रहा है।