Arvind Kejriwal

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नई दिल्ली: कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और कई अन्य विपक्षी दलों ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) की गिरफ्तारी की पृष्ठभूमि में शुक्रवार को निर्वाचन आयोग का रुख किया और यह आग्रह किया कि वह विपक्षी नेताओं के खिलाफ जांच एजेंसियों के ‘‘दुरुपयोग” को रोकने के लिए हस्तक्षेप करे। निर्वाचन आयोग से मुलाकात करने वाले विपक्षी नेताओं के प्रतिनिधिमंडल ने यह दावा किया कि जांच एजेंसियों का दुरुपयोग लोकसभा चुनाव में समान अवसर की स्थिति को खत्म करना है जिसका चुनाव की निष्पक्षता एवं स्वतंत्रता पर प्रभाव पड़ता है।

इस प्रतिनिधिमंडल में कांग्रेस के नेता केसी वेणुगोपाल एवं अभिषेक सिंघवी, तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओब्रायन एवं नदीमुल हक, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के महासचिव सीताराम येचुरी, समाजवादी पार्टी के सांसद जावेद अली खान, आम आदमी पार्टी के सांसद संदीप पाठक, द्रमुक के पी विल्सन और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार) के जितेंद्र अव्हाण शामिल थे। आयोग के समक्ष इस प्रतिनिधिमंडल ने विपक्षी नेताओं के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय की कार्रवाई का ब्यौरा दिया और आरोप लगाया कि सिर्फ विपक्ष के नेताओं को निशाना बनाया जा रहा है।

सिंघवी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमने चुनाव आयोग के साथ दिल्ली के मुख्यमंत्री की गिरफ्तारी की विस्तृत चर्चा की है। हमने चुनाव आयोग के सामने इस बात को रखा है कि यह किसी व्यक्ति या किसी पार्टी के बारे में नहीं है बल्कि यह संविधान की मूल संरचना से संबंधित है।”  उनका कहना था, ‘‘जब चुनाव के लिए समान अवसर वाली स्थिति की जरूरत होती है, तब आप एजेंसियों का दुरुपयोग करते हैं, तो इसका असर स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव और अंततः लोकतंत्र पर पड़ता है।”

सिंघवी ने कहा, ‘‘इस मामले में हमने चुनाव आयोग से हस्तक्षेप करने को कहा है।” वरिष्ठ अधिवक्ता ने कहा कि आजाद भारत के 75 साल के इतिहास में पहली बार किसी मौजूदा मुख्यमंत्री को गिरफ्तार किया गया है, जबकि सबसे पुरानी और सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी कांग्रेस के बैंक खाते ‘फ्रीज’ कर दिए गए। सिंघवी ने कहा, ‘‘अगर चुनाव आयोग पुलिस महानिदेशक, सचिव को बदल सकता है तो वह इन एजेंसियों पर नियंत्रण क्यों नहीं रखता?”   

उन्होंने कहा, ‘‘हमने विपक्षी नेताओं के खिलाफ एजेंसियों के दुरुपयोग के सबूत दिए हैं।” उन्होंने दावा किया कि एजेंसियों की कार्रवाई हो रही है और सत्ता पक्ष के किसी नेता के खिलाफ कार्रवाई नहीं होती। डेरेक ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तानाशाह की तरह व्यवहार कर रहे हैं।