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प्रतीकात्मक तस्वीर

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    नई दिल्ली: देश भर में 2020 तक मौत की सजा पाए 413 कैदी विभिन्न जेलों में बंद थे। केंद्र सरकार के नए आंकड़ों से यह जानकारी मिली है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के वार्षिक ‘जेल सांख्यिकी भारत 2020′ में कहा गया है कि मौत की सजा पाए कुल कैदियों में से 94 को 2020 में फांसी की सजा सुनायी गयी। गृह मंत्रालय के अधीन काम करने वाले एनसीआरबी ने बताया कि 2020 में 29 दोषियों की मौत की सजा को उम्रकैद में बदल दिया गया।  

    रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘देश में 2020 के दौरान कुल 94 लोगों को मौत की सजा सुनायी गयी। इन 94 कैदियों में से उत्तर प्रदेश और राजस्थान के 15-15 लोग, पश्चिम बंगाल के 14, बिहार के आठ और झारखंड तथा तमिलनाडु के छह-छह लोग शामिल रहे।” इसने बताया कि जिन 29 दोषियों की मौत की सजा को उम्रकैद में बदला गया उनमें से 24.1 प्रतिशत कैदी महाराष्ट्र के थे। इसके बाद राजस्थान और तमिलनाडु के क्रमश: पांच और 17.2 प्रतिशत कैदी थे।

    रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘मौत की सजा पाए कुल 413 दोषी (पिछले वर्षों में मृत्युदंड पाने वाले 319 और 2020 में मृत्युदंड पाने वाले 94 कैदियों समेत) विभिन्न जेलों में बंद थे, जो कुल दोषियों का 0.36 प्रतिशत है।” इसमें कहा गया है कि उत्तर प्रदेश में ऐसे सबसे अधिक 12.8 प्रतिशत (413 में से 53) दोषी पाए गए। इसके बाद महाराष्ट्र में 11.9 फीसदी (49) और मध्य प्रदेश में 9.7 (40) फीसदी दोषी हैं। (एजेंसी)