नई दिल्ली: समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार केंद्रीय बजट (Union Budget) से पहले केंद्र सरकार द्वारा सर्वदलीय बैठक (All-party Meeting) बुलाई गई है। यह वर्चुअल बैठक संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी (Pralhad Joshi) द्वारा बुलाई गई गई है। इस बैठक में राज्यसभा व लोकसभा के नेताओं को बुलाया गया है। इस बैठक का आयोजन बजट सत्र का सुचारू रूप से संचालन सुनिश्चित करने के लिए किया गया है।
बता दें कि केंद्रीय बजट वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को संसद में पेश करेंगे। जानकारी के मुताबिक,यह सत्र 11 फरवरी तक चलने वाला है।
An all-party meeting underway virtually called by Parliamentary Affairs Minister Pralhad Joshi pic.twitter.com/7EOFHsJ4S9
— ANI (@ANI) January 31, 2022
पता हो की इससे पहले लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला द्वारा बैठक बुलाई गई थी। उस बैठक में भी बजट सत्र का सुचारू रूप से संचालन सुनिश्चित करने के को लेकर बात की गई थी।
सर्वाधिक तेजी से वृद्धि करने वाली अर्थव्यवस्था
संसद के बजट सत्र के पहले दिन केंद्रीय कक्ष में दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने अपने अभिभाषण में कहा, ‘‘सरकार के निरंतर प्रयासों से देश एक बार फिर दुनिया की सर्वाधिक तेजी से वृद्धि करने वाली अर्थव्यवस्थाओं में से एक बन गया है। देश में जीएसटी (माल एवं सेवा कर) संग्रह पिछले कई महीनों से निरंतर एक लाख करोड़ रुपये से ऊपर बना हुआ है।”
उल्लेखनीय है कि भारत की आर्थिक वृद्धि दर वित्त वर्ष 2021-22 की दूसरी तिमाही में 8.4 प्रतिशत रही। सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय के पहले अग्रिम अनुमान के अनुसार, पूरे वित्त वर्ष में जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि दर 9.2 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है।
चुनाव तो चलते रहेंगे, बजट सत्र को फलदायी बनाएं सांसद, राजनीतिक दल
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा कि चुनाव का लोकतंत्र में अपना स्थान है और वह प्रक्रिया जारी रहेगी लेकिन पूरे वर्ष का खाका खींचने वाला, संसद का बजट सत्र बहुत महत्वपूर्ण है। बजट सत्र के पहले दिन संवाददाताओं को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने सभी सांसदों और राजनीतिक दलों से इस सत्र को फलदायी बनाने का आह्वान किया।
उन्होंने कहा, ‘‘यह बात सही है कि बार-बार चुनाव के कारण सत्र भी प्रभावित होते हैं, चर्चाएं भी प्रभावित होती हैं। लेकिन मैं सभी सांसदों से प्रार्थना करूंगा… चुनाव अपनी जगह पर हैं… चलते रहेंगे… लेकिन बजट सत्र पूरे वर्ष भर का खाका खींचता है। इसलिए यह बहुत महत्वपूर्ण होता है।”