नई दिल्ली: भारत (India) ने एक बार फिर पाकिस्तान (Pakistan) को झूठा प्रोपोगेंडा (False propaganda) फ़ैलाने पर लताड़ लगाई है. गुरुवार को आयोजित प्रेस वार्ता में भारतीय विदेश मंत्रालय (Indian Ministry of External Affairs) के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव (Anurag Shirivastav)ने कहा, “इस तरह के काल्पनिक और हास्यास्पद बयान देना पाकिस्तान के नेतृत्व की दिनचर्या बन गया है। इस तरह के बयानों का कोई आधार नहीं है और इसे नज़रअंदाज़ किया जाना चाहिए।”
दरअसल, पाकिस्तान ने पिछले दिनों भारत पर ‘झूठा झंडा’ ऑपरेशन के संचालन का आरोप लगाया था. जिसपर पूंछे गए सवाल के जवाब में श्रीवास्तव ने यह बात कही.
जल्द ही वापस लाएंगे
चीन के बंदरगाह में फंसे जहाजों को लेकर विदेश मंत्रालय प्रवक्ता ने कहा, “भारतीयों के साथ जहाज चीन के जिंगटांग बंदरगाह के पास फंसे हुए हैं। ये दोनों जहाज कार्गो के निर्वहन के लिए इंतजार कर रहे हैं। हम लगातार चीन सरकार के साथ संपर्क में है। कुछ और जहाजों के आने के बाद हम इसे लाने में सक्षम हैं।”
भारत स्वागत के लिए तैयार
ब्रिटेन में कोरोना के नए म्यूटेशन सामने आने के बाद लगाए गए प्रतिबंध के बावजूद ब्रिटिश पीएम की भारत यात्रा तय को लेकर किए सवाल पर प्रवक्ता ने कहा, “हम यहां ब्रिटिश पीएम का स्वागत करने के लिए उत्सुक हैं।”
हालिया घटना पर हमारी नजर
नेपाल में आए राजनीतिक संकट पर श्रीवास्तव ने कहा, “हमने नेपाल में हाल के राजनीतिक घटनाक्रमों पर गौर किया है। ये नेपाल के लिए अपनी लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं के अनुसार आंतरिक मामले हैं। एक पड़ोसी के रूप में, भारत शांति और समृद्धि और विकास के पथ पर आगे बढ़ने में नेपाल और उसके लोगों का समर्थन करना जारी रखेगा।”
अफ़ग़ानिस्तान होगा निमंत्रित
विदेश मंत्रालय ने कहा, “भारत चाबहार विषय पर उज्बेकिस्तान, भारत, ईरान के बीच अगली बैठक की मेजबानी करेगा। अभी तारीखें फाइनल नहीं हुई हैं। इस बैठक के लिए अफगानिस्तान को एक प्रमुख हितधारक के रूप में आमंत्रित किया जाएगा।”
दोनों नेताओं के बीच बातचीत शुरू
अंतराष्ट्रीय सीमा पर काल रहे गतिरोध पर प्रवक्ता ने कहा, “भारत और चीन राजनयिक और सैन्य चैनलों के माध्यम से संचार बनाए रखना चाहते हैं। चर्चाओं ने दोनों पक्षों को एक-दूसरे की स्थिति को समझने में मदद की है। भारत-चीन सीमा मामलों पर WMCC की बैठक 18 दिसंबर को हुई.”
जल्द होगी भारत-रूस की बैठक
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, “कोरोना महामारी के कारण 2020 में भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन नहीं हुआ। यह दो गुटों के बीच एक पारस्परिक रूप से सहमत निर्णय था। इसके विपरीत किसी भी अटकलबाजी से बचना चाहिए। जब भी तारीखों को अंतिम रूप दिया जाएगा, हम सूचित करेंगे।”