Election Commission freezes LJP party symbol amid dispute between Chirag Paswan and Pashupati Kumar Paras

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नई दिल्ली/पटना. केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस (Pashupati Kumar Paras) और उनके भतीजे लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान (Chirag Paswan) के बीच बिहार की हाजीपुर सीट (Hajipur Seat) को लेकर खींचतान जारी है। दोनों नेता लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Polls 2024) से पहले ही हाजीपुर सीट पर अपना दावा ठोक रहे हैं। इस बीच रविवार को चिराग ने पारस पर तंज कसते हुए कहा कि कोई चिंता या शिकायत है तो गठबंधन के अंदर बात करें। मीडिया थोड़ी सीट देने वाला है।

चिराग पासवान ने कहा, “अगर किसी भी घटक दल को कोई चिंता है, कोई शिकायत है तो वो गठबंधन के अंदर बात करें। वह सही जगह और मंच है। मीडिया थोड़ी सीट देने वाला है।”

उन्होंने कहा, “एनडीए में शामिल होने से पहले, मेरी बहुत सी चिंताओं को शर्तों के रूप में प्रस्तुत किया गया था जो सच नहीं हैं। गठबंधन बनाना एक बड़ा फैसला है, क्योंकि यह पार्टी की दिशा तय करता है। अगर मैं गठबंधन के भीतर हुई किसी भी बात को समय से पहले सार्वजनिक करूंगा तो यह गठबंधन धर्म की मर्यादा को तोड़ना होगा।”

उन्होंने कहा, “मेरा गठबंधन भाजपा के साथ है। भाजपा का गठबंधन कई अन्य दलों के साथ है। जब सब दलों से बात हो जाएगी और सब लोग एक सहमति पर आ जाएंगे तब सीटों की संख्या ही नहीं सीटों के चयन को लेकर भी जानकारी दी जाएगी।”

हाल ही में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से 17 जुलाई (सोमवार) को मुलाकात के बाद चिराग पासवान फिर से एनडीए में शामिल हो गए। पारस ने दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमित शाह और जेपी नड्डा समेत भाजपा का शीर्ष नेतृत्व उनके साथ है। उन्होंने मेरी सहमति के बाद चिराग पासवान को 18 जुलाई को नई दिल्ली में 38 दलों की बैठक में आमंत्रित किया गया था।

पारस ने चिराग से सुलह की खबरों को भी खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा कि मैंने चिराग समझौता नहीं किया है। मैं हाजीपुर से ही चुनाव लड़ूंगा, यह मेरा अधिकार है। मैं वहां का सांसद हूं, मैं भारत सरकार में कैबिनेट मंत्री हूं और एनडीए का पुराना और भरोसेमंद सहयोगी हूं।

उल्लेखनीय है कि चिराग पासवान 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा के तत्कालीन सहयोगी नीतीश कुमार का विरोध करने के कारण राजग से अलग हो गए थे। लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) के संस्थापक रामविलास पासवान के निधन के बाद पार्टी में फूट पड़ गई थी। पशुपति कुमार पारस ने पार्टी का एक गुट तोड़ दिया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी-कैबिनेट में केंद्रीय मंत्री बन गए।