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     नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ( Supreme Court) में एक याचिका दायर कर केंद्र और अन्य को निर्देश देने का अनुरोध किया गया है कि यूक्रेन से लौटने वाले मेडिकल विद्यार्थियों (Medical Students) को भारतीय मेडिकल कॉलेजों में एकबारगी उपाय के रूप में समायोजित किया जाए।

    याचिका में कहा गया है कि वैकल्पिक तौर पर, केंद्र और राज्यों को यूक्रेन में अधिकारियों के साथ समन्वय करने तथा केंद्रीय, राज्य या निजी मेडिकल कॉलेजों में कुछ सीटों को यूक्रेनी संस्थानों के विदेशी परिसरों के रूप में घोषित करने के लिए कहा जाए ताकि युद्धग्रस्त पूर्वी यूरोपीय देश में स्थिति सामान्य होने तक एकबारगी आपातकालीन उपाय के तहत पढ़ाई जारी रह सके।

    दो वकीलों द्वारा दायर याचिका में उन भारतीय छात्रों की परेशानी को रेखांकित किया गया है, जो यूक्रेन के विभिन्न संस्थानों में मेडिकल सहित विभिन्न पाठ्यक्रमों में अपनी पढ़ाई बंद करने के लिए बाध्य हो गए हैं। याचिका में कहा गया है कि इस बात को लेकर कोई स्पष्टता नहीं है कि यूक्रेन में सामान्य स्थिति कब तक बहाल हो सकेगी और क्या छात्र अपना पाठ्यक्रम पूरा कर पाएंगे या नहीं।

    उल्लेखनीय है कि उच्चतम न्यायालय ने चार मार्च को केंद्र की इस दलील पर गौर किया था कि उसने युद्धग्रस्त यूक्रेन में फंसे 17,000 भारतीय छात्रों को अब तक बाहर निकाला है।  न्यायालय ने केंद्र से यूक्रेन में फंसे छात्रों के अभिभावकों और परिवारों के लिए “ऑनलाइन हेल्पलाइन” स्थापित करने पर विचार करने तथा उच्च न्यायालयों को यह बताने के लिए भी कहा था कि वे छात्रों की निकासी से संबंधित मुद्दे पर गौर नहीं करें ताकि मुकदमों की बहुलता से बचा जा सके।(एजेंसी)