नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) अमेरिका की ऐतिहासिक यात्रा (Historic US Tour) के बाद भारत (India) रवाना हो गए हैं। पीएम ने शनिवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा के 76वें सत्र (76th session of the United Nations General Assembly) में संबोधित किया।
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में अफगानिस्तान से लेकर आतंकवाद सहित समुद्र संसाधनों के उपयोग के साथ-साथ कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर अपनी बात रखी। इस बीच विदेश मंत्रालय ने प्रधानमंत्री मोदी के संबोधन की 12 बड़ी नीतिगत बातों को उजागर किया। जिसे विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर साझा किया।
A powerful & impactful address by PM Modi to UNGA today. 12 big policy takeaways – cautions against regressive thinking and extremism. Using terrorism as a political tool will backfire on those practicing it. On Afghanistan, must not allow the use of its soil by terrorists: EAM pic.twitter.com/FIkMKXrH98
— ANI (@ANI) September 25, 2021
प्रधानमंत्री के संबोधन की 12 बड़ी नीतिगत बातें-
- लोकतंत्र की जननी का प्रतिनिधित्व करते हुए और अपने अनुभवों के आधार पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुष्टि की कि लोकतंत्र उद्धार कर सकता है और लोकतंत्र कर रहा है।
- PM मोदी का गवर्नेंस विजन वह है जहां कोई भी पीछे न रहे, इस प्रकार पीएम द्वारा शेयर किए गए नंबर हमारी सरकार का रिकॉर्ड बताते हैं।
- वैश्विक प्रगति पर भारत के विकास का प्रभाव स्पष्ट है। जैसा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, जब भारत बढ़ता है, तो दुनिया बढ़ती है; जब भारत सुधार करता है तो दुनिया बदल जाती है।
- वैश्विक भलाई के लिए विदेश नीति का एक मजबूत संदेश प्रधान मंत्री द्वारा दिया गया था। उन्होंने एक उत्तरदाता और योगदानकर्ता के रूप में भारत के महत्व को भी रेखांकित किया।
- दुनिया को टीके की आपूर्ति फिर से शुरू करना इस संबंध में एक स्पष्ट संकेत है।
- PM मोदी ने हमारे दैनिक जीवन में प्रौद्योगिकी की परिवर्तनकारी भूमिका पर प्रकाश डाला। समान रूप से लोकतांत्रिक मूल्यों के साथ प्रौद्योगिकी के महत्व पर भी जोर दिया।
- विविध, लचीला और विस्तारित वैश्विक मूल्य श्रृंखला और उत्पादन केंद्र हमारे सामूहिक हित में हैं।
- PM मोदी ने अक्षय ऊर्जा लक्ष्यों और हरित हाइड्रोजन सहित क्लाइमेट एक्शन और इसके महत्वाकांक्षी दृष्टिकोण पर भारत के मजबूत रिकॉर्ड की बात की।
- PM मोदी ने जोर देकर कहा कि महासागर और उसके संसाधनों की रक्षा की जानी चाहिए। इस जीवन रेखा को विस्तार और बहिष्कार से बचाया जाना चाहिए।
- प्रधानमंत्री ने प्रतिगामी सोच और उग्रवाद के खिलाफ आगाह किया और चेतावनी दी कि आतंकवाद को राजनीतिक उपकरण के रूप में इस्तेमाल करने से इसका अभ्यास करने वालों पर उल्टा असर पड़ेगा।
- अफगानिस्तान पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अपनी जमीन का इस्तेमाल आतंकवादियों को नहीं करने देना चाहिए और न ही इसकी दुर्दशा का फायदा दूसरे देशों को उठाना चाहिए। उन्होंने कहा कि महिलाओं, बच्चों और अल्पसंख्यकों के प्रति दुनिया का दायित्व है।
- PM मोदी ने कहा संयुक्त राष्ट्र को अपनी प्रभावशीलता और विश्वसनीयता बढ़ानी चाहिए क्योंकि उस पर सवाल उठाए गए हैं।