2023 Controversial statements

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नवभारत डेस्क. 2023 में देश में विवादित बयानों (Controversial Statements 2023) को लेकर जमकर सियासत हुई। एक ओर जहां द्रविड़ मुन्नेत्र कड़गम (DMK) सांसद डीएनवी सेंथिलकुमार (S. Senthilkumar) ने लोकसभा में हिंदी राज्यों को “गौमूत्र राज्य” कहकर उत्तर-दक्षिण विभाजन की बहस छेड़ दिया। तो दूसरी ओर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने विधानसभा में जनसंख्या नियंत्रण को लेकर विवादित टिप्पणी कर महिलाओं को शर्मसार कर दिया। वहीं, तमिलनाडु के मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म की तुलना डेंगू-मलेरिया से की और स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) हमेशा की तरह हिंदू धर्म के खिलाफ विवादित बोल बोलते रहे। तो आइए जानते हैं उन विवादित बयानों के बारे में जिसके कारण नेताओं ने अपनी राजनीतिक रोटियां सेकने की कोशिश की…

रामचरितमानस को करें बैन

समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य ने इस साल की शुरुआत (जनवरी) में रामचरितमानस पर विवादित टिप्पणी कर हंगामा मचाया था। उन्होंने कहा था कि कई करोड़ लोग रामचरित मानस को नहीं पढ़ते, सब बकवास है। यह तुलसीदास ने अपनी खुशी के लिए लिखा है। सरकार को इसका संज्ञान लेते हुए रामचरित मानस से जो आपत्तिजनक अंश है, उसे बाहर करना चाहिए या इस पूरी पुस्तक को ही बैन कर देना चाहिए। उन्होंने कहा कि तुलसीदास की रामचरितमानस में कुछ अंश ऐसे हैं, जिन पर हमें आपत्ति है। क्योंकि किसी भी धर्म में किसी को भी गाली देने का कोई अधिकार नहीं है। तुलसीदास की रामायण की चौपाई है। इसमें वह शूद्रों को अधम जाति का होने का सर्टिफिकेट दे रहे हैं।

मौर्य ने कहा कि ब्राह्मण भले ही लंपट, दुराचारी, अनपढ़ और गंवार हो, लेकिन वह ब्राह्मण है तो उसे पूजनीय बताया गया है, लेकिन शूद्र कितना भी ज्ञानी, विद्वान या फिर ज्ञाता हो, उसका सम्मान मत करिए। क्या यही धर्म है? अगर यही धर्म है तो ऐसे धर्म को मैं नमस्कार करता हूं। ऐसे धर्म का सत्यानाश हो, जो हमारा सत्यानाश चाहता हो।

नीतीश कुमार का ‘सेक्स’ ज्ञान

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नवंबर में विधानसभा में जनसंख्या नियंत्रण और महिलाओं की पढ़ाई पर चर्चा के दौरान अभद्र भाषा का प्रयोग किया, जिससे सदन में महिला विधायक असहज दिखी। दरअसल, कुमार ने कहा, “शादी के बाद पुरुष अपनी पत्नी को यौन संबंध स्थापित करने के लिए कहते हैं, लेकिन जैसा कि हमने बिहार में महिलाओं को शिक्षित किया है, वे अपने पतियों को सही समय पर ऐसा करने से रोकने के लिए कहती हैं। इसके कारण बिहार की जनसंख्या नियंत्रण में है।”

महिलाओं के खिलाफ ‘अपमानजनक’ टिप्पणी के लिए कुमार की काफी आलोचना हुई। लेकिन कुमार ने अपने बयान पर माफी मांगी और अपने शब्द वापस लिए। उन्होंने कहा, “मैंने तो बस महिलाओं की शिक्षा की बात की थी। मेरी कोई बात गलत थी तो मैं माफी मांगता हूं। जो लोग मेरी निंदा कर रहे हैं, उनका भी मैं अभिनंदन करता हूं। बिहार में हमने बड़े-बड़े काम किए हैं और अब महिलाओं के उत्थान के लिये भी काम कर रहे हैं।” वहीं, सदन में भी कुमार ने माफी मांगी और कहा है कि वो अपने बयान पर शर्मिंदा महसूस कर रहे हैं। हालांकि, टिप्पणी के विवाद ने मुजफ्फरपुर अदालत में उनके खिलाफ दायर एक शिकायत के साथ कानूनी मोड़ ले लिया है।

सनातन धर्म ‘डेंगू-मलेरिया’ जैसा

तमिलनाडु के खेल मंत्री और मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म की तुलना डेंगू-मलेरिया से कर नया विवाद छेद दिया था। सितंबर में चेन्नई में तमिलनाडु प्रोग्रेसिव राइटर्स आर्टिस्ट एसोसिएशन के सनातन उन्मूलन सम्मेलन में कहा, “कुछ चीजें हैं जिनका हमें उन्मूलन करना है और हम केवल विरोध नहीं कर सकते। मच्छर, डेंगू बुखार, मलेरिया, कोरोना, ये सभी चीजें हैं जिनका हम विरोध नहीं कर सकते, हमें इन्हें मिटाना है। सनातन भी ऐसा ही है। सनातन को खत्म करना और उसका विरोध करना हमारा पहला काम होना चाहिए।” उन्होंने कहा, “सनातन क्या है? सनातन नाम संस्कृत से आया है। सनातन समानता और सामाजिक न्याय के खिलाफ है। सनातन का अर्थ ‘स्थायित्व’ के अलावा और कुछ नहीं है, जिसे बदला नहीं जा सकता। कोई भी सवाल नहीं उठा सकता। सनातन का यही अर्थ है।” स्टालिन के इस बयान पर काफी बवाल मचा।

भाजपा ‘जहरीला सांप’

इसके कुछ ही दिन बाद स्टालिन ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की तुलना एक जहरीले सांप से कर दी। उन्होंने, “कचरे से निकलकर रेंगते हुए सांप हमारे घर में घुस जाता है। अगर हमें सांप को खत्म करना है, तो हमें सुनिश्चित करना होगा कि कचरा भी नहीं रहे। इसलिए लोगों को 2024 में तमिलनाडु से बीजेपी और एआईएडीएमके को हटाने के लिए तैयार रहना चाहिए। हमने 2021 के विधानसभा चुनावों में गुलामों की पैकिंग करवाई। अब हमें 2024 के लोकसभा चुनाव में उनके मालिकों को घर भेजना चाहिए।”

हिंदी राज्य ‘गौमूत्र राज्य’

संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान डीएमके सांसद डी.एन.वी. सेंथिलकुमार एस. ने विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की जीत को लेकर विवादित बयान दिया था। सेंथिलकुमार ने हिंदी राज्यों को ‘गौमूत्र राज्य’ करार दिया। उन्होंने कहा, “इस देश के लोगों को यह सोचना चाहिए कि भाजपा की ताकत केवल हिंदी राज्यों में चुनाव जीतना है, जिन्हें हम आम तौर पर ‘गौमूत्र राज्य’ कहते हैं।” सेंथिलकुमार ने कहा, “आप (भाजपा) दक्षिण भारत में नहीं आ सकते। आप देख लीजिए कि केरल, तमिलनाडु, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में चुनाव परिणाम क्या आया। हम वहां बहुत मजबूत हैं।” उन्होंने कहा, “हमें हैरानी नहीं होगी यदि आप इन सारे राज्यों को केंद्र शासित प्रदेशों में बदलने के विकल्प पर विचार करने लगें ताकि आप परोक्ष रूप से यहां सत्ता में आ सकें। आप वहां पैर जमाने का सपना कभी पूरा नहीं कर सकते।”

डीएमके संसद को अपने बयान को लेकर आलोचना का सामना करना पड़ा। अपने बयान पर सफाई देते हुए सेंथिलकुमार ने कहा यह कोई विवादास्पद बयान नहीं था। अगर इससे किसी की भावनाएं आहत हुई हैं, तो मैं अगली बार इसका उपयोग करने से बचने का प्रयास करूंगा। मैं यह बताने के लिए कुछ अन्य शब्दों का उपयोग करूंगा कि भाजपा कहां वोट पाने में मजबूत है। 

‘हिंदी पट्टी’ के लोग तमिलनाडु में शौचालयों की करते हैं सफाई

सेंथिलकुमार के बाद डीएमके के एक और नेता दयानिधि मारन ने उत्तर भारत के राज्यों के लोगों को लेकर विवादित बयान देकर राजनीतिक बहस का मुद्दा खड़ा कर द‍िया उन्होंने कहा कि बिहार और उत्तर प्रदेश के लोग जो केवल हिंदी सीखते हैं वो निर्माण कार्यों के लिए तम‍िलनाडु चले जाते हैं। वह सड़कों और शौचालयों की सफाई जैसे छोटे-मोटे काम करते हैं।

‘गुरुद्वारों और मस्जिदों’ को उखाड़ दिया जाना चाहिए

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता संदीप दायमा ने राजस्थान के तिजारा में एक रैली के दौरान गुरुद्वारों और मस्जिदों पर विवादास्पद टिप्पणी कर दी थी। भाजपा उम्मीदवार बाबा बालक नाथ की नामांकन रैली में अपने भाषण के दौरान, दायमा ने कहा कि कथित तौर पर कहा कि जो मस्जिदें और गुरुद्वारे बने हैं, वे ‘खुले घाव’ बन जाएंगे और उन्हें उखाड़ दिया जाना चाहिए। इस बयान के चलते संदीप दायमा के खिलाफ पंजाब और राजस्थान में सिख और मुस्लिमों ने जमकर प्रदर्शन किया। वहीं, पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने दायमा के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की थी। इसके बाद उन्हें पार्टी से निष्कासित किया गया है।

हालांकि, बाद में दायमा ने अपने बयान पर सफाई दी और माफी मांगी। उन्होंने कहा कि उनका इरादा “मस्जिद और मदरसा” कहने का था, लेकिन किसी तरह गलती से “मस्जिद और गुरुद्वारा” शब्द बोल गए। उन्होंने कहा, “मैं हाथ जोड़कर सिख समाज से माफी मांगता हूं। मुझे नहीं पता कि यह गलती कैसे हुई। मैं सोच भी नहीं सकता कि मैं सिख समुदाय के लिए इतनी गलत टिप्पणी कर सकता हूं जिसने हमेशा हिंदू और ‘सनातन धर्म’ की रक्षा की है।”

‘उग्रवादी और आतंकवादी’, रमेश बिधूड़ी का विवादित बयान

भारत के चंद्रमिशन ‘चंद्रयान-3’ की सफलता पर चर्चा के दौरान लोकसभा में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांसद रमेश बिधूड़ी ने बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के सदस्य दानिश अली (Danish Ali) के खिलाफ आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया। उन्होंने अली को ‘उग्रवादी और आतंकवादी’ कहा।जिसके बाद उनकी काफी आलोचना हुई। हालांकि, लोकसभा के रिकॉर्ड से बिधूड़ी का बयान हटाया गया। उधर, बिधूड़ी के इस बयान की निंदा करते हुए भाजपा ने सांसद को कारण बताओ नोटिस जारी किया और  15 दिन के अंदर जवाब देने का कहा। वहीं, विपक्ष की चार पार्टियों कांग्रेस, DMK, NCP और TMC ने स्पीकर ओम बिरला को पत्र लिखा। लेटर में मांग की गई कि बिधूड़ी के आचरण और टिप्पणियों का मामला संसद की विशेषाधिकार समिति को भेजा जाए और उनके खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जाए। उधर, भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने दानिश पर आरोप लगाते हुए कहा कि, दानिश अली ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर अपशब्द कहे थे। जिसका पलटवार करते हुए बिधूड़ी ने दानिश को उन्हीं की भाषा में जवाब दिया।

 

चार हाथ वाली लक्ष्मी कैसे पैदा हो सकती है?

‘श्रीरामचरितमानस’ पर अपनी विवादित के बाद स्वामी प्रसाद मौर्य ने देवी लक्ष्मी पर विवादित बयान दिया था। दरअसल, दीपावली के मौके पर अपनी पत्नी की पूजा की और सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर उसकी तस्वीरें डालीं। उन्होंने पोस्ट में लिखा, “दीपोत्सव के अवसर पर अपनी पत्नी का पूजा और सम्मान करते हुए कहा कि पूरे विश्व के प्रत्येक धर्म, जाति, नस्ल, रंग और देश में पैदा होने वाले बच्चे के दो हाथ, दो पैर, दो कान, दो आंख, दो छिद्रों वाली नाक के साथ एक सिर, पेट और पीठ ही होती है, चार हाथ, आठ हाथ, दस हाथ, बीस हाथ और हजार हाथ वाला बच्चा आज तक पैदा ही नहीं हुआ तो चार हाथ वाली लक्ष्मी कैसे पैदा हो सकती है?” उन्होंने कहा, “अगर आप लक्ष्मी देवी की पूजा करना ही चाहते हैं तो अपनी घरवाली की पूजा और सम्मान करें जो सही मायने में देवी है, जो आपके घर परिवार का पालन-पोषण, सुख-समृद्धि, खान-पान और देखभाल की जिम्मेदारी बहुत ही निष्ठा के साथ निभाती है।”

मौर्य के इस बयान से हिंदुओं की भावना आहत हुई। उनके बयान की खूब आलोचना हुई। बढ़ते विवाद को देखते हुए उन्होंने अपने बयान पर सफाई दी।मौर्य ने कहा, “मेरा किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का कोई इरादा नहीं है, बल्कि मैंने यह सभी गृहिणियों को सम्मान और प्रतिष्ठा देने के लिये किया था। मेरी समझ यह है कि आने वाले दिनों में हर कोई अपने-अपने घर में देवी लक्ष्मी की पूजा करना शुरू कर देगा। मैंने केवल वही किया है जो व्यावहारिक, सत्य, वैज्ञानिक और शाश्वत है। मैं सनातन धर्म का सम्मान करता हूं। मैंने ‘एक्स’ पर पोस्ट में जो लिखा है, उस पर मैं कायम हूं। मैंने इसे सोच-समझकर लिखा है।”

नरेंद्र मोदी ‘पनौती और जेबकतरे’

वर्ल्ड कप फाइनल से ‘पनौती’ शब्द लगातार चर्चा में है। फाइनल में ऑस्ट्रेलिया से टीम इंडिया की हार के बाद सोशल मीडिया पर यह काफी ट्रेंड होने लगा था। फिर इस शब्द पर सियासत गरम हो गई। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए उन्हें ‘पनौती’ करार दिया और उन्हें टीम इंडिया का हार का जिम्मेदार ठहराया।

राहुल गांधी ने एक रैली को संबोधित कहा था, “कभी क्रिकेट मैच में चला जायेगा वो अलग बात है कि हरवा दिया पनौती पीएम मतलब पनौती मोदी। कभी आपको इधर ले जाएगा कभी उधर से जाएगा कई आगे पीछे और पूरा का पूरा फायदा चार पांच उद्‌योगपतियों को देगा। उदाहरण देता हूँ, आप पिछले 9 साल में नरेंद्र मोदी जी ने 14,00,000 करोड़ रूपया हिंदुस्तान के सबसे बड़े अरबपतियों का कर्जा माफ किया में आपसे पूछना चाहता हूँ इन 14,00,000 लोगों में 14,00,000 करोड़ रुपये में जो इन्होंने 1015 लोगों को दिया।”

 

वहीं, बाड़मेर में रैली को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा, “जेब कतरे होते हैं, जब दो जेब कतरे किसी की जेब काटना चाहते हैं, तो सबसे पहले क्या करते क्या करते है। ध्यान हटाने का काम करते है। एक आपके सामने आता है और आपसे कोई ना कोई बातचीत करता है आपका ध्यान इधर उधर ले जाता है पीछे से दूसरा आता है जेब काट लेता है। चला जाता है मगर जेबकतरा सबसे पहले ध्यान हटाता है। भाइयों और बहनों नरेंद्र मोदी जी का काम आपके ध्यान को इधर उधर करने का है और का काम आपके जेब काटने का है दोनों आते हैं एक टीवी पर आता है आपसे कहेगा हिंदू मुस्लिम।”

तुम्हारे बाप ने दूध पिलाया है

मध्य प्रदेश के नए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने चुनाव के दौरान एक विवादित बयान दिया। उन्होंने कांग्रेस नेताओं को धमकी देते हुए कहा कि उन्हें ऐसा सबक सिखाया जाएगा कि वे जीवन भर याद रखेंगे। यादव ने कहा कि सुन, लो कांग्रेस नेताओं… तुम्हारा पता नहीं लगेगा, कहां से आए हो? अभी भी तुम्हारी औकात ठिकाने नहीं आई है। उज्जैन में होने वाले विकास के कार्यों में अड़ंगा लगाओगे, तुम्हारे बाप ने दूध पिलाया है, तुम्हारी औकात क्या है?

‘हिंदू एक धोखा है’, फिर बिगड़े मौर्य के बोल

दिसंबर में मौर्य ने दिल्ली के जंतर-मंतर पर आयोजित बहुजन समाज अधिकार सम्मेलन में हिन्दू धर्म को लेकर विवाद बयान दिया। उन्होंने कहा, “हिंदू एक धोखा है। वेसै भी साल 1995 में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि हिंदू कोई धर्म नहीं है, यह जीवन जीने की एक शैली है। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत भी दो बार कह चुके हैं कि हिंदू नाम का कोई धर्म नहीं है, बल्कि यह जीवन जीने की एक कला है।” उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री मोदी ने भी कहा है कि हिंदू धर्म कोई धर्म नहीं है। जब ये लोग ऐसे बयान देते हैं तो किसी की भावनाएं आहत नहीं होतीं लेकिन अगर यही बात जब स्वामी प्रसाद मौर्य कहते हैं तो पूरे देश में भूचाल मच जाता है।”

उन्होंने कहा, “सिर्फ आठ प्रतिशत लोग अपने बलबूते सरकार नहीं बना सकते। यानी वोट के लिए हम हिंदू। वोट के लिए दलित, ओबीसी के लोग हिंदू लेकिन सत्ता में आने के बाद हम लोग हिंदू नहीं रह जाते। अगर ये लोग सत्ता में आने के बाद हमें हिंदू मानते तो अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़े वर्ग के लोगों का आरक्षण खत्म नहीं करते। इसका मतलब हिंदू एक धोखा है।”