pulwama

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    नई दिल्ली. यूँ तो हमारा देश भारत (India) हमेशा से ही अपने अन्य पडोसी देशों का परम हितैषी रहा है। अब चाहे वो चीन (China) हो, श्रीलंका (Srilanka) हो, बांग्लादेश (Bangladesh) हो या फिर पाकिस्तान (Pakistan) ही क्यों न रहा हो। हमने और हमारे देश ने हमेशा से ही इन देशो का भला ही चाहा है। लेकिन फिर भी देखा जाए तो गाहे-बगाहे हमें इन देशों से हमेशा अपनी पीठ पर खंजर ही मिला है। हालाँकि इसमें शायद बांग्लादेश और श्रीलंका कुछ हद तक उपवाद रहे हो। लेकिन हमसे कूटनीतिक युद्ध में यह भी कभी पीछे नहीं रहते हैं और अपने व्यक्तित्व को हम पर थोपने कि कोशिश करते हैं। 

    14 फरवरी 2019 का वह मनहूस दिन 

    ऐसे में अगर बात पाकिस्तान की हो तो फिर आतंकवाद और छद्म युद्ध में ये देश हमारे देश भारत के खिलाफ हमेशा से ही अग्रणी रहा है। फिर कौन भूल सकता है आज के ही दिन यानी 14 फरवरी 2019 को जब इसी देश ने हमारी पीठ पीछे पुलवामा में कायरता पूर्ण आतंकवादी हमला करवाया। पता हो कि 14 फरवरी 2019 जम्मू- कश्मीर के अवंतीपोरा के पास गोरीपोरा में अब तक का सबसे बड़ा आतंकी आत्मघाती हमला हुआ था। यह हमला CRPF के वाहन को निशाना बनाकर IED ब्लास्ट के जरिए किया गया था। बता दें कि CRPF के वाहनों पर यह हमला उस वक्त हुआ था, जब सेना के जवानों का काफिला जम्मू से श्रीनगर की ओर जा रहा था। इस आतंकी हमले में भारत ने अपने 40 वीर जवान और देश के सपूत खो दिए थे।

    जब प्रधानमंत्री मोदी ने दी थी कड़ी चेतावनी

    वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने देश के लोगों को आश्वस्त करते और पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा था कि, “इसकी उन्हें भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।” प्रधानमंत्री ने देशवासियों से कहा था कि, जैसी आग आपके भीतर जल रही है, वैसी ही आग मैं भी अपने अंदर महसूस कर रहा हूं। इसके बाद PM मोदी ने भारतीय सेनाओं को कार्रवाई के लिए खुली छूट दे दी। 

    बालाकोट एयर स्ट्राइक,कांपा पाकिस्तान

    लेकिन फिर इसी के जवाब में भारत ने 26 फरवरी 2019 को भारत ने हमला करते हुए तड़के-सुबह पाकिस्तान के भीतर हवाई हमले कर कई आतंकवादी शिविरों को निशाना बनाया था। भारतीय वायुसेना के विभिन्न लड़ाकू विमानों ने खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के बालाकोट में पाकिस्तान स्थित कई आतंकवादी समूहों के शिविरों को सफलतापूर्वक नष्ट कर दिया था। हालाँकि इस सर्जिकल स्ट्राइक में भारतीय वायुसेना के पायलट अभिनंदन वर्धमान पाकिस्तान द्वारा पकड़ लिए गए थे जिन्हे बाद में भारत के कूटनीतिक दवाब के चलते पाकिस्तान को झुकना पड़ा और उन्हें फिर सकुशल छोड़ा गया।

    शहीद जवानों को सलाम 

    इसी दिन को याद करते हुए आज जहां पूरा देश अपने शहीद जवानों को सलाम करता है। आज देखा जाए तो हमने पाकिस्तान को अपनी कूटनीतिक राजनीति से काफी पीछे धकेल दिया है की अब वह अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अन्य देशों से अलग-थलग खड़ा है। अब पूरा विश्व ही उसे एक आतंकवादी देश मानता है, हालाँकि इस बात से उसका परम हितैषी या मित्र चीन उसके प्रति हमेशा से ही अपनी दो राय रखता है। 

    आज भले ही पाकिस्तान द्वारा इस घृणित आतंकवादी हमले को हुए 3 वर्ष बीत गए हैं लेकिन इस हमले को हम कभी भूले नहीं है और ना ही कभी भुलेंगे अपने उन बहादुर सपूतों को जो हमारे देश के लिए हँसते हँसते कुर्बान हुए और देश से बड़ा कुछ भी नहीं,यह हमें सीखा गए। 

    “जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी”