नई दिल्ली: कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने मोटर चालकों से जुड़े ‘हिट-एंड-रन’ सड़क दुर्घटना मामलों के संबंध में नए दंड कानून के प्रावधानों को लेकर मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधा और ट्रक चालकों को भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ करार देते हुए कहा कि इसके परिणाम घातक हो सकते हैं। देश भर के ट्रक चालकों ने नए दंड कानून के प्रावधानों के खिलाफ अलग-अलग राज्यों में विरोध- प्रदर्शन किया।
लोकतंत्र की आत्मा पर प्रहार
राहुल ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘सीमित कमाई वाले इस मेहनती वर्ग को कठोर कानूनी भट्टी में झोंकना उनकी रोजीरोटी को बुरी तरह प्रभावित कर सकता है। और साथ ही, इस कानून का दुरुपयोग संगठित भ्रष्टाचार के साथ ‘वसूली तंत्र’ को बढ़ावा दे सकता है।” उन्होंने कहा कि प्रभावित वर्ग से चर्चा के बिना और बिना विपक्ष से संवाद किए कानून बनाने की ज़िद ‘लोकतंत्र की आत्मा’ पर निरंतर प्रहार है।
बिना प्रभावित वर्ग से चर्चा और बिना विपक्ष से संवाद के कानून बनाने की ज़िद लोकतंत्र की आत्मा पर निरंतर प्रहार है।
जब 150 से अधिक सांसद निलंबित थे, तब संसद में शहंशाह ने भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़, ड्राइवर्स के विरुद्ध एक ऐसा कानून बनाया जिसके परिणाम घातक हो सकते हैं।
सीमित…
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) January 2, 2024
जब 150 से अधिक सांसद निलंबित थे…
उन्होंने किसी का नाम लिए बिना कहा, ‘‘जब 150 से अधिक सांसद निलंबित थे, तब संसद में ‘शहंशाह’ ने भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़, ड्राइवर्स के विरुद्ध एक ऐसा कानून बनाया जिसके परिणाम घातक हो सकते हैं। लोकतंत्र को चाबुक से चलाने वाली सरकार ‘शहंशाह के फरमान’ और ‘न्याय’ के बीच का फर्क भूल चुकी है।” ज्ञात हो कि जब संबंधित विधेयकों को संसद से पारित किया गया था तब 147 विपक्षी सदस्य दोनों सदनों से निलंबित थे।
क्या है मामला
उल्लेखनीय है कि ‘हिट-एंड-रन’ दुर्घटना मामलों के संबंध में नए कानून में सख्त दंड के प्रावधानों के खिलाफ ट्रक चालक पुरे देश भर में प्रदर्शन कर रहे है। हरियाणा में निजी बस संचालक और कुछ ऑटो-रिक्शा यूनियन भी नए प्रावधान के विरोध में शामिल हो गए हैं और अंबाला में कुछ पेट्रोल पंपों ने ईंधन की कमी की सूचना दी है।
ये है कानून
औपनिवेशिक युग के भारतीय दंड संहिता की जगह लेने वाले भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) में प्रावधान है कि लापरवाही से गाड़ी चलाने की वजह से गंभीर सड़क दुर्घटना का कारण बनने वाले और पुलिस या प्रशासन के किसी भी अधिकारी को सूचित किए बिना भागने वाले वाहन चालकों को 10 साल तक की सजा या सात लाख रुपये का जुर्माना हो सकता है।