Photo- ANI
Photo- ANI

Loading

नई दिल्ली: मणिपुर हिंसा (Manipur violence) के बीच सुरक्षा बलों ने चुराचांदपुर जिले और मोरेह शहर (Churachandpur district and Moreh town) में फंसे लोगों को बचाया और उन्हें इंफाल पूर्व में एक राहत शिविर में लाया।  इंफाल ईस्ट के उपायुक्त खुमनथेम डायना देवी (Deputy Commissioner Khumanthem Diana Devi) ने कहा कि  चुराचांदपुर और आसपास के जिलों में फंसे लोगों को यहां लाया गया है। यहां रहने वाले लोगों के परिजन इन्हें अपने साथ ले गए हैं। प्रशासन ने यहां आए लोगों के लिए खाने-पीने की व्यवस्था की है। 

दूसरी ओर बिहार के 142 छात्र-छात्राओं को मंगलवार को हिंसाग्रस्त मणिपुर से वापस लाया गया। बिहार की नीतीश कुमार सरकार की ओर से एक विशेष उड़ान की व्यवस्था की गई। छात्रों को लेकर विमान दोपहर में पटना हवाई अड्डे पर उतरा। इस विमान में बिहार के 142 छात्रों के अलावा पड़ोसी राज्य झारखंड के 21 छात्र थे। झारखंड के छात्रों को बस से उनके गृह राज्य ले जाया जाएगा। ये विद्यार्थी उच्च शिक्षा हासिल करने के लिए पूर्वोत्तर राज्य में गए थे, लेकिन अपने प्रदेश पहुंचने पर इन्होंने राहत की सांस ली है। 

हालांकि, विद्यार्थियों ने एकसुर में बताया कि हिंसा के दौरान मणिपुर के बाहर के किसी भी छात्र को निशाना नहीं बनाया गया था। मुंगेर की एक छात्रा ने कहा, “हमने खुद तबाही नहीं देखी, लेकिन गोलियां चलने और बम फटने की आवाजें हमने अपने छात्रावास के कमरों के अंदर से सुनी, कुछ डर जरूर लगा था।” एक अन्य छात्र ने कहा कि उसे उनके कॉलेज के अधिकारियों द्वारा सख्त हिदायत दी गई थी कि जब तक उनके घर जाने की व्यवस्था नहीं हो जाती, तब तक वे बाहर नहीं निकलें। 

एक अन्य छात्र ने कहा, “जब आप घर से दूर किसी अशांत क्षेत्र में फंस जाते हैं, तो यह चिंता का कारण बनता है।” बिहार सरकार के अधिकारियों के अनुसार, नयी दिल्ली में ‘रेजिडेंट कमिश्नर’ को मुख्यमंत्री ने सलाह दी है कि वे मणिपुर में अधिकारियों के संपर्क में रहें और राज्य के और लोगों को मदद की जरूरत पड़ने पर जरूरी कदम उठाएं। हालांकि, अधिकारियों ने मंगलवार को कहा कि मणिपुर में स्थिति में सुधार हो रहा है और किसी भी अप्रिय घटना की कोई ताजा खबर नहीं है। उन्होंने कहा कि सभी 11 जिलों में कर्फ्यू में ढील दी गई है।