नई दिल्ली: अब से कुछ देर पहले इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (ISRO) ने गगनयान मिशन (Gaganyaan Mission) के टेस्ट व्हीकल को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से फिलहाल ‘होल्ड’ कर दिया है। जानकारी दें कि इसे महज टेस्टिंग के 5 सेकंड पहले ‘होल्ड’ किया गया है। दरअसल ख़राब मौसम के चलते इसे टाला गया है। इस बाबत ISRO प्रमुख एस.सोमनाथ ने जानकारी दी कि, गगनयान के पहले टेस्ट व्हीकल एबॉर्ट मिशन -1 (टीवी-डी1) के लॉन्च को होल्ड पर डाल दिया गया है।
इस टेस्ट व्हीकल अबॉर्ट मिशन-1 (TV-D1) नाम दिया गया है। दरअसल मिशन के दौरान रॉकेट में गड़बड़ी होने पर अंदर मौजूद एस्ट्रोनॉट को पृथ्वी पर सुरक्षित लाने वाले सिस्टम की यह टेस्टिंग होनी थी। श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से इसे 8 बजे लॉन्च किया जाना था। लेकिन मौसम ठीक नहीं होने कारण इसका टाइम बदलकर 8.45 किया गया था। अब इसे ‘होल्ड’ कर दिया है।
Gaganyaan’s First Flight Test Vehicle Abort Mission-1 (TV-D1) launch on hold: ISRO chief S Somnath pic.twitter.com/4lkPAhqX44
— ANI (@ANI) October 21, 2023
सोमनाथ ने बताया ‘होल्ड’ का कारण
गगनयान के पहले टेस्ट व्हीकल एबॉर्ट मिशन -1 (टीवी-डी1) के लॉन्च को होल्ड पर डालने की जानकारी देते हुए ISRO प्रमुख सोमनाथ ने कहा, “लिफ्ट-ऑफ का प्रयास आज नहीं हो सका।व्हीकल सुरक्षित है। हम जल्द ही वापस लौटेंगे। जो कंप्यूटर काम कर रहा है उसने लॉन्च रोक दिया है। हम इसे ठीक करेंगे और जल्द ही लॉन्च शेड्यूल करेंगे।”
#WATCH | Gaganyaan’s First Flight Test Vehicle Abort Mission-1 (TV-D1) launch on hold
ISRO chief S Somnath says, The lift-off attempt could not happen today…engine ignition has not happened in the nominal course, we need to find out what went wrong. The vehicle is safe, we… pic.twitter.com/wIosu113oT
— ANI (@ANI) October 21, 2023
मिशन प्लान के अनुसार ये पूरा मिशन कुल 8.8 मिनट मिनट का था । इस मिशन टेस्ट फ्लाइट में तीन हिस्से हैं- अबॉर्ट मिशन के लिए बनाया सिंगल स्टेज लिक्विड रॉकेट, क्रू मॉड्यूल और क्रू एस्केप सिस्टम। क्रू मॉड्यूल के अंदर का वातावरण अभी वैसा नहीं होगा जैसा मैन्ड मिशन में होता है। इस मिशन में 17 Km ऊपर जाने के बाद श्रीहरिकोटा से 10 Km दूर समुद्र में क्रू मॉड्यूल को उतारा जाना था। फिर नेवी इसे रिकवर करने वाली थी।
जानकारी दें कि शुक्रवार शाम सात बजे से 13 घंटे की उल्टी गिनती शुरू की गई थी। ISRO एकल-चरण तरल प्रणोदक वाले रॉकेट के इस प्रक्षेपण के जरिये मानव को अंतरिक्ष में भेजने के अपने महत्वाकांक्षी कार्यक्रम ‘गगनयान’ की दिशा में आगे बढ़ने वाला था । इस दौरान, प्रथम ‘कू मॉड्यूल’ के जरिये अंतरिक्ष यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का परीक्षण किया जान था। ISRO का लक्ष्य तीन दिवसीय गगनयान मिशन के लिए मानव को 400 किलोमीटर की पृथ्वी की निचली कक्षा में अंतरिक्ष में भेजना और उन्हें सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर वापस लाने का था।
मिशन गगनयान से जुड़ी ख़ास बातें
- 2025 में भारत 3 अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष यात्रा पर भेजेगा।
- मिशन की लॉन्चिंग से पहले चार टेस्टिंग होनी ।
- यह अंतरिक्ष में भारत की पहली मानव उड़ान होगी।
- 2035 तक अंतरिक्ष में भारत का स्पेस स्टेशन स्थापित करने का बड़ा प्लान है।
- भारत का 2040 तक चांद पर मानव भेजने का लक्ष्य है।