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    नई दिल्ली. केंद्र की मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में भी मंत्री पद पर कार्यरत स्मृति ईरानी (Smriti Irani) आज अपना 46वां जन्मदिन (Birthday) मना रही हैं। बता दें कि 23 मार्च 1976 को स्मृति ईरानी का जन्म दिल्ली में हुआ था। तो वहीं स्मृति ईरानी ने अपने करियर की शुरुआत मॉडलिंग और मॉडल के रूप में की थी। जिसके बाद उन्होंने टेलीविजन की दुनिया में भी खूब अच्छा नाम कमाया। फिर टेलीविजन की दुनिया अपना नाम बनाने के साथ ही उन्होंने राजनीति की दुनिया में भी कदम रखा। आज लोग उन्हें एक एक प्रमुख नेता के साथ ही एक प्रसिद्ध टेलीविजन कलाकार के रूप में भी भी सब जगह पहचानते हैं।

    पाठकों को बता दें कि स्मृति ने होली चाइल्ड ऑक्जिलियम स्कूल से 12 क्लास तक पढ़ाई की है। इसके बाद उन्होंने स्कूल ऑफ लर्निंग (पत्राचार), दिल्ली विश्वविद्यालय में एडमिशन लिया था। पिता की मदद और कुछ पैसे कमाने के लिए स्मृति ने होटल में वेट्रेस तक का काम किया। इसी दौरान किसी ने उन्हें मॉडलिंग में किस्मत आजमाने का सुझाव दिया और इस तरह वे दिल्ली से मुंबई रवाना हो गईं।

    ‘तुलसी वीरानी’ के किरदार से मिली शौहरत 

    बता दें कि, टेलीविजन धारावाहिक ‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी’ में स्मृति ईरानी को ‘तुलसी वीरानी’ के किरदार के लिए काफी सराहा भी गया। आपको यह भी याद दिला दें कि स्मृति ईरानी ने साल 1998 में फेमिना मिस इंडिया सौंदर्य प्रतियोगिता में भी हिस्सा लिया था। जहां उन्होंने फाइनल में भी अपनी जगह बनाई ही लेकिन फिर भी विजेता नहीं बन पाई। अपना करियर शुरू करने से पहले ईरानी मैकडॉनल्ड्स में वेट्रेस और क्लीनर का काम भी कर चुकी हैं।

    नवाजा गया कई अवार्डों से  

    इसके बाद साल 2000 में स्मृति ईरानी ने ‘हम है कल आज कल और कल’ से टेलीवीजन सीरियल की दुनिया में कदम रखा था। इसके बाद उन्होंने एकता कपूर के मशहूर शो ‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी’ में लीड रोल किया। जिसके लिए उन्हें आज भीपहचाना जाता है और सम्मान मिलता है। इतना ही नहीं इस बेहतरीन इस शो के लिए उन्होंने पांच इंडियन टेलीविजन एकेडमी अवॉर्ड्स, चार इंडियन टेली अवॉर्ड्स और 8 स्टार परिवार अवॉर्ड्स भी अपने नाम किए थे।

    अब तक यूँ रहा सियासी सफ़र 

    इसके बाद वे राजनीतिक धरातल में उतरीं और साल 2004 में स्मृति ईरानी ने दिल्ली की चांदनी चौक सीट से कांग्रेस के कपिल सिब्बल के खिलाफ लोकसभा चुनाव लड़ा था। फिर इसके बाद साल 2010 में स्मृति BJP की राष्ट्रीय सचिव और महिला विंग की अध्यक्ष बनीं। फिर आया साल 2019 जब BJP ने उन्हें राहुल गांधी के खिलाफ अमेठी से आम चुनाव में उतारा। बस यहीं स्मृति ईरानी ने अपना कमाल दिखाते हुए और कांग्रेस का किला ध्वस्त करते हुए राहुल गांधी को उन्हीं के गढ़ में गहरी शिकस्त दी थी। जी हाँ, 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी को 38000 वोटों के बड़े अंतर से हराया था।