नई दिल्ली: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ( CMPushkar Singh Dhami) ने शनिवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) एक निर्माणाधीन सुरंग के अंदर फंसे 41 श्रमिकों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए राज्य में शुरू किए गए बचाव अभियान (Uttarkashi Tunnel Rescue Operation) के बारे में हर रोज अद्यतन जानकारी ले रहे हैं। गढ़वाल हितैषिणी सभा द्वारा जारी एक बयान में धामी के हवाले से यह जानकारी दी गई है।
प्रधानमंत्री ने रहे जानकारी
धामी ने यहां आयोजित एक कार्यक्रम में एक वीडियो संदेश में कहा, ‘‘उन्होंने (मोदी) आश्वासन दिया कि केंद्र और राज्य सरकार सभी फंसे श्रमिकों को सुरक्षित ढंग से सुरंग से निकालने के लिए संयुक्त रूप से काम कर रही है।” धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री ‘‘बचाव अभियान के बारे में प्रतिदिन जानकारी ले रहे हैं।”
STORY | PM Modi taking daily updates on operation to rescue workers trapped in tunnel: Uttarakhand CM
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— Press Trust of India (@PTI_News) November 25, 2023
वर्टिकल ड्रिलिंग शुरू करने की तैयारी
इससे पहले, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) ने शनिवार को कहा कि उत्तराखंड में सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों को निकालने के लिए जारी बचाव अभियान में लंबा समय लग सकता है, क्योंकि क्षैतिज ‘ड्रिलिंग’ के लिए ऑगर मशीन में बार-बार खराबी आ रही है और अब बचावकर्मी लंबवत ड्रिलिंग शुरू करने की तैयारी कर रहे हैं।
सुरंग में दी जाएगी लैंडलाइन सेवा
अधिकारियों ने कहा कि श्रमिकों का संपर्क उनके परिवार के सदस्यों से जोड़े रखने के लिए सुरंग में एक लैंडलाइन सुविधा स्थापित की गई है। यह सुविधा बीएसएनएल द्वारा स्थापित की गई है और सुरंग के अंदर फंसे श्रमिकों को एक ‘हैंडसेट’ दिया जाएगा।
इस अभियान में लग सकता है और लंबा समय
एनडीएमए सदस्य लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) सैयद अता हसनैन ने कहा कि लंबवत ‘ड्रिलिंग’ का काम अगले 24 से 36 घंटे में शुरू होगा। उन्होंने कहा कि ऑगर मशीन का अगला हिस्सा टूट गया है और सुरंग से उसे निकालने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने बचाव अभियान पूरा होने की कोई समयसीमा बताये बिना कहा, ‘‘हमें धैर्य रखने की जरूरत है क्योंकि यह एक खतरनाक अभियान है… इस अभियान में लंबा समय लग सकता है।”
12 नवंबर को ढह गया था सुरंग का हिस्सा
चारधाम यात्रा मार्ग पर बन रही सुरंग का एक हिस्सा 12 नवंबर को ढह गया था, जिससे उसमें काम कर रहे 41 श्रमिक फंस गए थे। तब से विभिन्न एजेंसियां उन्हें बाहर निकालने के लिए युद्धस्तर पर बचाव अभियान चला रही हैं।
47-मीटर की ‘ड्रिलिंग’ पूरी
हसनैन के मुताबिक, यह बचाव अभियान हर दिन तकनीकी रूप से और जटिल होता जा रहा है। श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए सुरंग के ढहे हिस्से में की जा रही ‘ड्रिलिंग’ शुक्रवार रात पुन: रोकनी पड़ी थी। शुक्रवार को ‘ड्रिलिंग’ बहाल होने के कुछ देर बाद ऑगर मशीन स्पष्ट रूप से किसी धातु की वस्तु के कारण बाधित हो गई थी। एनडीएमए सदस्य ने कहा कि वर्तमान में 47-मीटर क्षैतिज ‘ड्रिलिंग’ पूरी हो चुकी है।