सिलीगुड़ी: विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने कलकत्ता उच्च न्यायालय (Calcutta High Court) की जलपाईगुड़ी सर्किट पीठ के समक्ष एक याचिका दायर की है जिसमें दावा किया गया है कि त्रिपुरा (Tripura) से यहां बंगाल सफारी पार्क में स्थानांतरित की गई एक शेरनी का नाम ‘‘सीता” रखा गया है। याचिका में यह नाम बदले जाने का अनुरोध किया गया है। विहिप के वकील ने शनिवार को यह जानकारी दी। पार्क के अधिकारियों ने हालांकि इस बात से इनकार किया है कि शेरनी को ऐसा कोई नाम दिया गया था।
विहिप ने दावा किया कि 12 फरवरी को त्रिपुरा के सिपाहीजाला प्राणी उद्यान से एक शेर और शेरनी को लाया गया था और शेर का नाम ‘‘अकबर” रखा गया। याचिकाकर्ता के ‘एडवोकेट-ऑन-रिकॉर्ड’ शुभंकर दत्ता ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि विहिप की उत्तर बंगाल इकाई ने 16 फरवरी को याचिका दायर की और मामले की सुनवाई 20 फरवरी को अदालत की एकल पीठ के समक्ष होने की संभावना है।
उन्होंने कहा कि याचिकाकर्ता ने अनुरोध किया है कि शेरनी का नाम बदल दिया जाए क्योंकि किसी जानवर का ऐसा नाम रखने से धार्मिक भावनाएं आहत हो सकती हैं। दत्ता ने कहा कि यह भी आग्रह किया गया कि भविष्य में किसी भी प्राणी उद्यान में किसी भी जानवर का नाम किसी भी धर्म के देवी-देवताओं के नाम पर न रखा जाए। परिषद की उत्तर बंगाल इकाई ने कहा कि उसे खबरों से पता चला है कि एक शेर और शेरनी को बंगाली सफारी पार्क लाया गया और और शेरनी का नाम ‘‘सीता” रखा गया। पार्क के अधिकारियों ने कहा कि उसने दोनों जानवरों का नाम नहीं रखा है और इन जानवरों का आधिकारिक रूप से नामकरण अभी किया जाना है।