West Bengal Governor CV Ananda Bose
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कोलकाता. पश्चिम बंगाल (West Bengal) में चुनावी हिंसा (Violence) थमने का नाम नहीं ले रही है। पंचायत चुनावों (Panchayat polls) से पहले राज्य के विभिन्न हिस्सों में हिंसा की कई खबरें आ रही हैं। इस बीच राज्यपाल सीवी आनंद बोस (Governor CV Anand Bose) ने चुनावी हिंसा पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि यह सच है कि राज्य के कई इलाकों में हिंसा हुई है। हमें कई शिकायतें मिली हैं।

बोस ने कहा, “तथ्य यह है कि कुछ गुमराह लोगों और गुटों ने कई इलाकों में हिंसा की। मैं फील्ड में गया था क्योंकि मैं पिछले 45 वर्षों से लोक प्रशासन में अपने विनम्र अनुभव से जानता हूं, किसी भी पदाधिकारी द्वारा दी गई कोई भी रिपोर्ट पूरी नहीं होगी। यह फिल्टर्ड और पक्षपाती होगा। इसलिए मैं ग्राउंड जीरो पर जाकर लोगों से मिलना चाहता था, उनसे बात करना चाहता था, उनकी भावनाओं को समझना चाहता था और अपना आकलन खुद करना चाहता था।”

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा था कि नामांकन प्रक्रिया शांतिपूर्ण थी और इसलिए हिंसा भड़क उठी। इस पर राज्यपाल ने कहा, “मुख्यमंत्री जनता का चुना हुआ नेता होता है। सीएम की धारणा राज्यपाल से अलग हो सकती है क्योंकि राजनीति का व्याकरण और शासन का व्याकरण अलग है। जिसके वजह से द्विभाजन होना तय है। मैं संवैधानिक सहयोगी द्वारा किए गए आकलन पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता।”

TMC द्वारा राज्य में उनके आंदोलन की आलोचना करने पर राज्यपाल बोस ने कहा, “मुझे किसी से आंदोलन प्रतिबंध नहीं मिला है। राजनीतिक दलों द्वारा बाहर जो बात की जाती है, वह उनका अधिकार है। मैं अपना कर्तव्य निभाऊंगा, जिस तरह से मुझे लगता है कि यह सही है। यह कानून के शासन के ढांचे के भीतर और बंगाल के लोगों के हितों को बनाए रखने के लिए भारत के संविधान के भीतर होगा।”

राज्य में केंद्रीय बलों की तैनाती को लेकर सुप्रीम कोर्ट का रुख करने के TMC के बयान पर बोस ने कहा, “हाई कोर्ट के आदेशों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने वाला कोई भी पीड़ित पक्ष भारतीय व्यवस्था में बहुत स्वाभाविक है। सुप्रीम कोर्ट किसी भी मुद्दे पर अंतिम निर्णय देता है। ऐसे में धैर्यपूर्वक प्रतीक्षा करें और देखें।”

पंचायत चुनाव से पहले राजभवन द्वारा खोले गए ‘शांति कक्ष’ पर राज्यपाल ने कहा, “हमें हिंसा, हत्या, डराने-धमकाने की कई शिकायतें मिली थीं। हम इसे सुलझा लेंगे और इसे त्वरित और तेज कार्रवाई के लिए उपयुक्त अधिकारियों के पास ले जाएंगे।”