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नई दिल्ली: जहां एक तरफ बीते शनिवार को लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2024) से कुछ हफ्ते पहले अचानक ही चुनाव आयुक्त अरुण गोयल (Arun Goyal) ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। वहीं राष्‍ट्रपति मुर्मू ने भी उनका इस्‍तीफा स्‍वीकार कर लिया है। हालांकि उनका कार्यकाल 2027 तक था, लेकिन उससे पहले ही उन्होंने पद छोड़ दिया है। 

क्यों दिया इस्तीफा 

अब 1985 बैच के पंजाब कैडर के IAS अधिकारी रहे अरुण गोयल ने चुनाव से ठीक पहले इस्तीफा क्यों दिया है इस बारे में न तो अभी तक कोई जानकारी सामने आई है और न ही उन्होंने कुछ बताया है। उनका कार्यकाल भी दिसंबर 2027 तक था। वह अगले वर्ष राजीव कुमार की सेवानिवृत्ति के बाद मुख्य चुनाव आयुक्त के रूप में उनकी जगह लेने के लिए भी कतार में थे। 

विवादों में थी नियुक्ती  

देखा जाए तो चुनाव आयुक्त के पद पर अरुण गोयल की नियुक्ती काफी विवादास्पद भी रही थी। दरअसल उनकी नियुक्ति को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी।  दरअसल गोयल ने 18 नवंबर, 2022 को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली थी और इसके अगले ही दिन उनको चुनाव आयुक्त नियुक्त कर दिया गया था।  

अब लोकसभा चुनावों का क्या  

खैर अब चूँकि उनके पद छोड़ने के बाद भारतीय निर्वाचन आयोग में चीफ इलेक्शन कमिश्नर राजीव कुमार अकेले ही बचे हैं।  दरास्सल तीन सदस्यीय इस आयोग में निर्वाचन आयुक्तों के दोनों पद खाली हो गए हैं।  अरुण गोयल के अलावा, दूसरे निर्वाचन आयुक्त अनूप चंद्र पांडेय इस साल फरवरी में सेवानिवृत्त हुए थे।  तबसे उनकी जगह किसी की नियुक्ति नहीं हुई है।  अब सवाल यह है कि क्या मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार अब अकेले ही आगामी लोकसभा चुनावों को संपन्न कराएंगे? यह तो खैर वक़्त ही बताएगा। 

कौन हैं अरुण गोयल

अरुण गोयल 7 दिसंबर 1962 को पटियाला में जन्मे थे। वह मैथ्स से MSC की डिग्री रखते हैं। मेधावी थे, उन्हें पंजाबी विश्वविद्यालय की सभी परीक्षाओं में फर्स्ट क्लास फर्स्ट और रिकॉर्ड ब्रेकर होने के लिए चांसलर मेडल ऑफ एक्सीलेंस से सम्मानित किया गया था। यहां तक की वह कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के चर्चिल कॉलेज से डेवलपमेंटल इकोनॉमी में डिस्टिंक्शन के साथ पोस्ट ग्रेजुएट हैं।उनकी ट्रेनिंग हार्वर्ड विश्वविद्यालय के जॉन एफ कैनेडी स्कूल ऑफ गवर्नमेंट से हुई है।  

वहीं IAS बनने के बाद गोयल पंजाब के अलावा केंद्र सरकार में कई अहम पदों पर तैनात रहे थे।  अपनी 37 सालों से अधिक की सर्विस पूरी करने के बाद गोयल भारत सरकार के भारी उद्योग मंत्रालय के सचिव पद से रिटायर हुए थे।  हालांकि इसके अगले ही दिन उनको चुनाव आयुक्त नियुक्त कर दिया गया था।