किसान रेल से भेजा गया 1127 टन अनार

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  • किसान रेल नाशिक-पुणे – सोलापुर अनार बेल्ट के लिए वरदान
  • महाराष्ट्र से उत्तर भारत में की गई ढुलाई अनार

भुसावल. किसान रेल, नाशिक -पुणे – सोलापुर अनार बेल्ट के लिए वरदान साबित हुई है. किसान रेल, पश्चिमी महाराष्ट्र के किसानों के जीवन में  एक नई रोशनी लाई है. क्योंकि यह रेल पौष्टिकव प्रतिरोधक क्षमता को  बढ़ाने वाले फल यानि कि अनार को महाराष्ट्र से उत्तरी भारत तक पहुंचाने में सक्रिय भूमिका निभा रही है. पिछले एक महीने में 1100 टन से अधिक अनार की ढुलाई की गयी. सस्ती और सबसे तेज़ ढुलाई का लाभ उठाने वाले किसान उत्साहित हैं और खुश हैं क्योंकि किसान रेल अब सप्ताह में तीन दिन चल रही है.

फल उत्पादक किसानों में खुशी

महाराष्ट्र के किसानों में  किसान रेल दिनों-दिन लोकप्रिय हो रही है, क्योंकि यह महाराष्ट्र के सांगोला, पंढरपुर, कोपरगांव, पुणे, दौंड, नाशिक, मनमाड क्षेत्रों से अनार, शिमला मिर्च, फूलगोभी, नींबू, हरी मिर्च, आइस्ड-फिश, जीवित पौधे, अंडे और अन्य सब्जियों की लगातार व समय पर परिवहन कर रही है. किसान रेल द्वारा अब तक ले जाए गए कुल पेरिशेबल वस्तुओं में से 1127.67 टन अनार की ढुलाई की गयी है, जोकि इस रेल से लोड किये जाने वाले पेरिशबल्स का लगभग 61 प्रतिशत है.

7 अगस्त से शुरू हुई साप्ताहिक सेवा

 7 अगस्त 2020 को देवलाली से दानापुर तक एक साप्ताहिक सेवा के रूप में शुरू की गयी और बाद में मुज़फ़्फ़रपुर तक विस्तारित की गई और बाद में सांगोला / पुणे से मनमाड में एक लिंक रेल से जुड़ी, किसान रेल अब एक त्रिसाप्ताहिक के रूप में चल रही है, जो किसानों की बढ़ती प्रतिक्रिया को दर्शाता है. अनार, फल में एक प्रभावशाली पोषक तत्व होता है जिसमें विटामिन सी, विटामिन के, फोलेट, पोटेशियम आदि शामिल होते हैं, जिनका नाशिक, पुणे और सोलापुर में बड़े पैमाने पर उत्पादन किया जाता है.

सड़क मार्ग ढुलाई से किसानों की होती है कम आय

नेशनल हॉर्टिकल्चर बोर्ड के अनुसार, अनार, सोलापुर पर राष्ट्रीय अनुसंधान केंद्र द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों, कुल उत्पादन में महाराष्ट्र की हिस्सेदारी 62.91% है, इसलिए, इस विशाल उपज को भारत भर में सड़क  के माध्यम से ट्रकों पर ले जाया जाता है, जिससे किसानों को कम आय प्राप्त होती है  और  कई दिन लग जाते हैं. किसान रेल को कृषि मंत्रालय के सहयोग से रेल मंत्रालय द्वारा शुरू किया गया है, जिससे किसानों के लिए परिवहन की तीव्रता, आय में वृद्धि, मात्रा पर प्रतिबंध न होने, सड़क की तुलना में सस्ता और बड़ी बचत के साथ किसानों के लिए आशा और अवसर बना है.  टोल सहित परिवहन लागत भी कम है.

रेलवे से समय से पहुंच रहा माल

अखिल महाराष्ट्र डालिंब उत्पादक संसोधन संघ, पुणे के अधिकारियों ने प्रसन्नता व्यक्त की कि रेल मंत्रालय द्वारा किसान रेल ने परिवहन के अन्य साधनों की तुलना में समय कम कर दिया है और चूंकि ताजा माल कम समय में बाजार में जा रहा है, फल की मांग है किसानों को अच्छा और उपज देने वाला लाभ मिलता है.