आखिर भारत में ही क्यों 05 सितंबर को मनाया जाता है टीचर्स डे, जानें ये खास वजह

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    मुंबई : ‘गुरु के बिना ज्ञान नहीं’ ये कहावत तो अपने सुना ही होगा। ऐसा इसलिए कहा जाता है कि क्योंकि टीचर हमारी जीवन में बेहद अहम भूमिका निभाते हैं। ये हमें हमेशा सही राह पर चलना सिखाते हैं। इसलिए एक शिक्षक की जगह बेहद ही खास होती है और इन्हे भगवान के सामान माना जाता है। ये सारी बातें शायद आप जानते होंगे, लेकिन क्या आप ये जानते हैं कि आखिर टीचर्स डे (Teacher’s Day) की शुरुआत कैसे हुई या फिर ये मनाया क्यों जाता है? शायद नहीं। तो चलिए आज हम आपको बताते हैं। 

    ऐसे हुई टीचर्स डे की शुरुआत

    डॉ राधाकृष्णन (Dr. Radhakrishnan) के बारे में तो आप जानते ही होंगे जो भारत के पूर्व राष्ट्रपति थे। 05 सितंबर को वो अपने जन्मदिन के दिन कार्यालय पहुंचे थे। वहां पर मौजूद उनके कुछ स्टूडेंट्स इस दिन को बेहद खास तरीके से मनाना चाहते थे, लेकिन डॉ राधाकृष्णन ने उनके जन्मदिन पर तामझाम करके खास बनाने से साफ मना कर दिया और बच्चों से कहा कि अगर वो सच में इस दिन को खास बनाना चाहते हैं तो देश के शिक्षकों को लिए बनाएं सिर्फ उनके लिए नहीं। तभी से हर साल 05 सितंबर को भारत में शिक्षक दिवस मनाया जाता है। 

    ऐसे मनाया जाता है टीचर्स डे 

    टीचर्स डे के दिन देश के सभी स्कूल,कॉलेज, कोचिंग सेंटर्स और एजुकेशनल इंस्टीट्यूट में छात्र-छात्राएं अपने शिक्षकों के प्रति सम्मान और उनके लिए आभार प्रकट करते हैं। साथ ही डॉ राधाकृष्णन को भी श्रद्धांजलि देकर इस दिन को मानते हैं।