क्यों मनाते हैं World Health Day, जानिए इसका उद्देश्य और साल 2023 की थीम

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सीमा कुमारी

नई दिल्ली: हर साल 7 अप्रैल को ‘विश्व स्वास्थ्य दिवस’ (World Health Day 2023) मनाया जाता है। WHO के मुताबिक स्वास्थ्य का मतलब सिर्फ स्वस्थ खाना नहीं है, बल्कि यह सुनिश्चित करना भी आवश्यक है कि कैसे दुनिया एक साथ आकर सभी को लंबा और स्वस्थ जीवन जीने में मदद कर सकती है।

पिछले सालों में कोरोना महामारी ने विश्व स्तर पर अपना प्रकोप दिखाया। दुनिया के लगभग हर देश में संक्रमण का प्रसार हुआ। ऐसे में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने हर स्तर पर प्रयास किया कि दुनिया को स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराई जा सकें। सभी जगह बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं रहें और संक्रमण से बचाव हो सके।

चिकित्सा के क्षेत्र में नए खोज, नई दवाओं और नए टीकों को बनाने के साथ ही स्वास्थ्य के मुद्दों के बारे में लोगों के बीच जागरूकता बढ़ाना भी विश्व स्वास्थ्य संगठन की प्राथमिकता है। आइए जानें विश्व स्वास्थ्य दिवस मनाने का उद्देश्य, इस साल की थीम और तरीका।

इतिहास

जानकारों के अनुसार, ‘विश्व स्वास्थ्य दिवस’ (World Health Day) की शुरुआत WHO की नींव रखने के दिन के रूप में की गई थी। साल 1948 में, दुनिया के तमाम देशों ने एक साथ मिलकर स्वास्थ्य को बढ़ावा देने, दुनिया को सुरक्षित रखने और कमजोर लोगों की सेवा करने के लिए WHO की स्थापना की, ताकि हर व्यक्ति हर जगह स्वस्थ रहे और उच्चतम स्तर की मदद प्राप्त कर सके। इसके दो साल बाद 1950 में पहला विश्व स्वास्थ्य दिवस 7 अप्रैल को मनाया गया और तब से यह हर साल इसी दिन मनाया जाता है।

विश्व स्वास्थ्य दिवस का उद्देश्य

दुनिया भर के सभी देशों में समान स्वास्थ्य सुविधाओं को फैलाने के लिए लोगों को जागरूक करना, स्वास्थ्य संबंधी मामलों से जुड़े मिथकों को दूर करना और वैश्विक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं पर विचार करना और उन विचारों पर काम करना स्वास्थ्य दिवस का उद्देश्य है। इस दिन स्वास्थ्य सेवाओं, सुविधाओं और देखभाल संबंधी विषयों पर जागरूकता अभियान चलाया जाता है।

WHO (डब्ल्यूएचओ) के मुताबिक विश्व की स्वास्थ्य स्थिति

1. दुनिया की 30 फीसदी आबादी आज तक जरूरी स्वास्थ्य सेवाओं तक नहीं पहुंच पाई है।

2. दुनिया भर में लगभग 930 मिलियन लोगों को अपने घरेलू बजट का 10 प्रतिशत या उससे अधिक स्वास्थ्य पर खर्च करना पड़ रहा है, जिससे उनकी वित्तीय हालत और खराब हो रही है।

डब्ल्यूएचओ (WHO) द्वारा जारी डेटा ने भारत में एक और बढ़ते स्वास्थ्य संकट पर प्रकाश डाला है और यह है मोटापा और एनीमिया। रिपोर्ट के अनुसार, अब पुरुषों की तुलना में दोगुनी संख्या में महिलाएं एनीमिया से प्रभावित हो रही हैं। वहीं मोटापे के मामले में आंकड़ों पर नजर डालें तो महिलाओं में मोटापा 2015-16 में 21 प्रतिशत से बढ़कर 2019-20 में 24 प्रतिशत हो गया है। इनके अलावा रिपोर्ट में कहा गया है कि गुजरात, महाराष्ट्र सहित भारत के प्रमुख राज्यों में बच्चों में भी मोटापे में वृद्धि देखी जा रही है।

विश्व स्वास्थ्य दिवस 2023 की थीम

हर साल, विश्व स्वास्थ्य दिवस (World Health Day 2023) को एक अनूठी थीम के साथ मनाया जाता है। WHO ने इस साल “हेल्थ फॉर ऑल” थीम के साथ इसे मनाने का फैसला किया है। इस बार का विषय इस सोच को दर्शाता है कि स्वास्थ्य एक बुनियादी मानव अधिकार है और हर किसी को बिना किसी वित्तीय कठिनाइयों के जब और जहां इसकी आवश्यकता हो उसे स्वास्थ्य सेवाएं मिलनी चाहिए।