सीमा कुमारी
नवभारत लाइफस्टाइल डेस्क: पूरे भारत में हर साल 24 अप्रैल को एक संवैधानिक इकाई के रूप में पंचायती राज व्यवस्था की स्थापना के उपलक्ष्य में ‘राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस’ (National Panchayati Raj Day 2024) मनाया जाता है।आपको जानकारी के लिए बता दें, वैदिक काल में पंचों को परमेश्वर माना जाता था। उस वक्त अधिकारियों में पुरोहित, सेनापति और ग्रामीण मुख्य थे। ग्रामीण ही पंचायत का प्रमुख होता था। वह सैनिक, आर्थिक और सामाजिक व्यवस्था को स्थापित करने में मुख्य भूमिका का निर्वहन करता था। पंचायती राज व्यवस्था को स्थानीय स्वशासन भी बोला जाता है। इसे गांव की ‘छोटी सरकार’ भी कहा जाता है।
जानें दिवस से जुड़ी खास बातें..
राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस’ के अवसर पर विभिन्न कार्यक्रमों और गतिविधियों द्वारा चिह्नित किया जाता है जो पीआरआई (PRI) की उपलब्धियों और ग्रामीण क्षेत्रों के विकास में उनके योगदान को उजागर करते हैं। ऐसे में आज राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस’ के अवसर आइए जानें इससे जुड़ी महत्वपूर्ण बातें-
1- प्राप्त जानकारी के अनुसार, पंचायत शब्द दो शब्दों ‘पंच’ और ‘आयत’ के मेल से बना है। पंच का अर्थ है पांच और आयत का अर्थ है सभा। पंचायत को पांच सदस्यों की सभा कहा जाता है जो स्थानीय समुदायों के विकास और उत्थान के लिए काम करते हैं और स्थानीय स्तर पर कई विवादों का हल निकालते हैं। पंचायती राज व्यवस्था का जनक लॉर्ड रिपन को माना जाता है।
2- लॉर्ड रिपन ने 1882 में स्थानीय संस्थाओं को उनका लोकतांत्रिक ढांचा प्रदान किया था। अगर देश में किसी गांव की हालत खराब है तो उस गांव को सशक्त और विकसित बनाने के लिए ग्राम पंचायत उचित कदम उठाती है।
3- बलवंत राय मेहता समिति के सुझावों के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने सबसे पहले 2 अक्टूबर 1959 को राजस्थान के नागौर जिले में पंचायती राज व्यवस्था को लागू किया था। इसके कुछ दिनों के बाद आंध्र प्रदेश में भी इसकी शुरुआत हुई थी।
4- जानकारों के अनुसार, केंद्र सरकार पंचायती राज संस्थाओं को सक्षम और सशक्त बनाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। इसी क्रम में पंचायती राज संस्थाओं में 9 विषयों में सतत विकास का लक्ष्य रखा गया
है।
1- गरीबी मुक्त और बढ़ी हुई आजीविका गांव
2- स्वस्थ गांव
3- बच्चों के अनुकूल गांव
4- जल पर्याप्त गांव
5- स्वच्छ और हरित गांव
6- आत्मनिर्भर बुनियादी ढांचे वाला गांव
7- सामाजिक रूप से न्यायपूर्ण और सामाजिक रूप से सुरक्षित गांव
8- सुशासन वाला गांव
9- महिला मित्र गांव
जानिए कितनी हैं पंचायतें
एक आंकड़ों के अनुसार भारत में कुल 2.51 लाख पंचायतें हैं, जिनमें 2.39 लाख ग्राम पंचायतें, 6904 ब्लॉक पंचायत और 589 जिला पंचायतें शामिल है। इन पंचायतों में लगभग 29 लाख से अधिक पंचायत प्रतिनिधि हैं, जो अपने क्षेत्र के विकास के लिए काम कर रहे है।
राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस कोट्स
‘जब पंचायत राज स्थापित हो जाएगा, तो जनमत वह करेगा जो हिंसा कभी नहीं कर सकती’ -महात्मा गांधी।
‘समग्र प्रगति और जमीनी स्तर की भागीदारी के माध्यम से, हमारी सरकार ‘ग्राम उदय से भारत उदय’ को एक वास्तविकता बनाने की दिशा में काम कर रही है’ -PM नरेंद्र मोदी।