Learn the rules and worship method of establishing the urn in Navratri.

सीमा कुमारी

नई दिल्ली: शक्ति की आराधना का महापर्व ‘नवरात्रि’ (Navratri) का हिंदू समाज में बहुत बड़ा महत्व है। इस साल चैत्र नवरात्रि 22 मार्च से शुरू होंगी और 30 मार्च को रामनवमी के दिन समाप्त होंगी। साथ ही इस बार चैत्र नवरात्रि पर 110 साल बाद दुर्लभ संयोग का निर्माण भी होने जा रहा है। वहीं, मां दुर्गा इस बार नौका पर सवार होकर आएंगी।

काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास के सदस्य पंडित दीपक मालवीय के अनुसार, चैत्र नवरात्रि इस बार पूरे 9 दिनों की होगी। इस बार तीन सर्वार्थ सिद्धि, तीन रवि योग, दो अमृत सिद्धि योग और गुरु पुष्य का संयोग बन रहा है। सर्वार्थ सिद्धि योग 23, 27 और 30 मार्च को लगेगा। अमृत सिद्धि योग 27 व 30 मार्च को और रवि योग 24, 26 व 29 मार्च को लगेगा। नवरात्रि के अंतिम दिन रामनवमी पर गुरु पुष्य योग का महासंयोग बन रहा है।

 उन्होंने आगे बताया कि इस वर्ष मां का आगमन नौका पर है, जिसे सुख-समृद्धि कारक कहा जाता है। पूरे 9 दिनों के नवरात्र में मां के 9 स्वरूपों की पूजा होगी।

उनके अनुसार, इस बार नवरात्र में चार ग्रहों का परिवर्तन देखने को मिलेगा। यह संयोग 110 वर्षों के बाद मिल रहा है। इस बार नव संवत्सर भी लग रहा है। माना जाता है कि इसी दिन भगवान ब्रह्मा ने पृथ्वी की रचना की थी। इसलिए यह और भी महत्वपूर्ण हो जाता है। इस वर्ष के राजा बुद्ध और और मंत्री शुक्र ग्रह होंगे। जिसके कारण शिक्षा क्षेत्र में बहुत क्रांति के अवसर मिलेंगे और महिलाओं का भी विशेष उत्थान इस वर्ष दिखाई देगा।

शुभ मुहूर्त

इस बार नवरात्रि पर बनने वाले विशेष महासंयोग के बारे में ज्योतिषाचार्य पंडित दीपक मालवीय ने बताया कि यह बेहद खास है। चैत्र मास की नवरात्रि इस बार बुधवार, 22 मार्च को शुरू हो रही है जो 30 मार्च तक रहेगी। जो संपूर्ण 9 दिवसीय नवरात्र है। इसमें तिथियों की घटबढ़ नहीं है। उन्होंने आगे बताया कि प्रतिपदा तिथि 21 मार्च रात में 11 बजकर 4 मिनट पर लग जाएगी। इसलिए 22 मार्च को सूर्योदय के साथ नवरात्रि की शुरुआत कलश स्थापना के साथ होगी।