छठ पूजा 2021: इन चार राज्यों में चल रही छठ महापर्व की तैयारी, दिल्ली में 1200 से अधिक घाट तैयार

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    नई दिल्ली: आस्था का महापर्व छठ पूजा (Chhath Puja) इस साल 10 नवंबर बुधवार को है। यह पर्व उत्तर भारत सहित देश के विभिन्न हिस्सों में पारंपरिक विधि-विधान के साथ मनाया जाता है। कठिन नियम-निष्ठा के कारण छठ को सबसे बड़ा पर्व माना जाता है। यह त्योहार चार दिनों तक मनाया जाता है। इसकी शुरुआत नहाय-खाय के साथ होती है। इस महापर्व की राजस्थान, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और बिहार में जोर शोर से तैयारी चल रही है। पूजा समितियों के साथ प्रशासन भी घाट की सफाई और दूसरी व्यवस्थाएं करने में लगी है। आइये देखते है इन राज्यों की तैयारियां…

    दिल्ली में तैयार हुए 1200 से ज्यादा छठ घाट, लगभग 25 हजार से ज्यादा होंगे छठव्रती

    दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के दिशानिर्देश के अनुसार, छठ पूजा के उत्सव की अनुमति केवल जिला मजिस्ट्रेट से अपेक्षित अनुमति के साथ नियंत्रण क्षेत्रों के बाहर निर्धारित स्थलों पर होगी। आदेश में यह भी कहा गया है कि यमुना नदी के तट पर यह पूजा नहीं होगी। दिल्ली में तैयार हुए 1200 से ज्यादा छठ घाट है। दिल्ली सरकारने यहां बिजली , पानी की सभी व्यवस्थाएं की है।  पूजा समितियों की माने तो यहां करीब 25  हजार से ज्यादा छठव्रती पूजा के लिए आती है।   

    व्रतियों के लिए चलाया जा रहा वैक्सीनेशन अभियान  

    दिल्ली में छठव्रती की कुल आबादी का कितनी है इसका पता नहीं चल पाया है। दिल्ली के पूर्वांचल के सदस्य अनुभव शर्मा ने भास्कर को बताया की कोरोना का खतरा देखते हुए बहुत सिमित जगहों पर छट पूजा का आयोजन किया जाएगा। इस पूजा में शामिल होने वाली छट व्रती और उनके साथ आए लोग सुरक्षा का ध्यान रखते हुए मास्क और दुरी बनाके रखेंगे। व्रतियों को लिए यहां पर कोरोना टीकाकरण अभियान भी चलाया जाएगा। 

    छठ पूजा के लिए तैयार हुई गाइडलाइन्स

    यमुना नदी के तट पर पूजा नहीं होगी।

    पूजा सामग्री या कोई सामान फेंकना मना है।

    NGT के साथ-साथ यमुना निगरानी के सभी दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन करना होगा।

    कोरोना नियमों जैसे मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग, सैनिटाइजर जैसे प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन किया जाएगा।

    बिहार में भी घाट तैयार

    बिहार में करीब करीब 1400 किनारे और 3000 तालाबों पर घंटों कि सफाई की जा रही है। जहा महापर्व के मद्देनजर व्रतियों  के लिए विशेष नियम होने वाले है। सभी घाटों पर CCTV के साथ वॉच टावर भी बनाया जाएगा, जिसके जरिए सुरक्षा का ध्यान रखा जाएगा।  दूसरे राज्यों  से आने वाले लोगों की बस स्टेंड रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट और सार्वजनिक स्थलों पर कोरोना की जांच की जाएगी। 

    घाटों में डाला जाएगा गंगा जल

    बीते  कुछ सालों में छट पूजा के दौरान लोगों में भगदड़ और डूबने की कई घटना सामने आई है। जिसके मद्देनजर समितियों द्वारा सभी स्थानों पर पूरी व्यवस्था के साथ नजर रखी जाएगी। घाटों पर मेडिकल टीम मौजूद होगी।  साथ ही विशेष साफ सफाई अभियान चलाया जा रहा है।  

    छट पर्व के लिए पटना नगर निगम क्षेत्र के सभी क्षेत्र के अधिकारीयों को 8 नवंबर तक सभी घाटों और तालाबों की हर हाल में व्यवस्था करने के आदेश दिए गए है। सभी तालाबों में गंगा जल डाला जाएगा। बता दें कि बिहार की अनुमानित आबादी 12 करोड़ है और लगभग हर घर में एक या दो लोग व्रत रखते हैं।

    उत्तर प्रदेश में करीब 50 लाख से ज्यादा रखते है व्रत 

    छट पर्व के मद्देनजर सभी ठिकानो पर साफ सफाई ओर श्रद्धालुओं के लिए रुकने,  बैठने, पानी की व्यवस्था के साथ गाड़ियों की पार्किंग की व्यवस्था की जा रही है। उत्तर प्रदेश में 30 नदिया और 1 हजार से ज्यादा घाटों पर छट पूजा होती है जिसमें पूर्वांचल के 23  जिले भी शामिल हैं। छट  संगठनों की माने   तो यहाँ करीब 6  करोड़ की आबादी यह त्योहार मनाती है,  तो 50 लाख से ज्यादा यह व्रत रखते है।

    पूर्वांचल मित्र मंडल छठ पूजा समिति के प्रवक्ता राघवेंद्र दुबे ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि ‘यूपी के कई जिलों में बिहार, झारखंड के लाखों लोग रहते हैं। ऐसे में घाटों पर छठ पूजा के लिए सभी जरूरी संसाधनों का इस्तेमाल किया जा रहा है। 10 नवंबर को सूर्य उपासना का महापर्व पूरी श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया जाएगा।’

    वही श्री छठ पूजा समिति के संस्थापक मुन्ना कुमार शर्मा ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि,’छठ पूजा के लिए कृत्रिम तालाब बनाया गया है। घाट में जल, प्रकाश आदि की व्यवस्था की जा रही है। इस वर्ष एक परिवार से ज्यादा लोगों को पूजा स्थल पर आने की अनुमति नहीं दी जाएगी।’

    राजस्थान में भी जोरदार तैयारी

    राज्य में पहले पूर्वांचल के लोग ही छट पर्व मानते थे , लेकिन अभी स्थानीय लोगों में भी छटी  मैया के प्रति आस्था बढ़ी है।  बता दें कि राजस्थान में 33 जिले हैं, जहा करीब 5 लाख प्रवासी हैं, जिनमें बिहार (20 हजार), उत्तर प्रदेश (करीब 50 हजार), बंगाल (6 हजार) और उड़ीसा के लोग शामिल हैं। जिसमें  से 50% महिलाएं छठ पूजा में शामिल होती हैं। राज्य में कुंड, बावड़ियां, तालाब, झील, कृत्रिम जलाशय में छठ पूजा की जाती हैं।

    छठ पूजा समिति के सदस्य अनिकेत नेमीडिया से बात करते हुए कहा कि ‘पिछले साल कोरोना के चलते सार्वजनिक आयोजन नहीं था, लोगों ने घरों में पूजा की थी। सभी लंबे समय से इस पर्व का इंतजार कर रहे थे, लेकिन अब यह हम सभी की जिम्मेदारी है कि हम कोरोना नियमों का अच्छी तरह से पालन करते हुए पर्व को मनाएं।’

    छठ पूजा करने अमेरिका से आईं नेहा कमल

    अमेरिका में रह रही नेहा कमल अपनी परंपरा का ध्यान रखते हुए परिवार समेत सात समंदर पार भी हर साल छठ पर व्रत रखती हैं। यही वजह है कि बिहार की दहलीज छोड़ने के बाद भी कोरोनाकाल में ठेकुआ की खुशबू और भगवान सूर्य को अर्घ्य देने का उत्साह उन्हें अपने देश(गांव) की और खींच लाया। 

    उन्होंने कहा कि ‘मैं दुनिया के जिस भी कोने में रहूं, लेकिन छठ वाले दिन मन घर पहुंच जाता है। अपनों के बीच पर्व मनाने के लिए बेचैन रहती हूं। पिछले साल कोरोना के कारण गांव की मिट्टी से दूर रहकर पर्व मनाना पड़ा, पर इस बार घर वापसी के लिए पहले ही टिकट करवा लिया था।’

    महिलाओं में है आस्था के साथ पर्व के प्रति उत्साह

    दिल्ली की उर्मिला देवी कहती हैं, ‘मैं 7 सालों से व्रत कर रही हूं। पिछले वर्ष कोरोना के कारण छठ पर्व पर घाट नहीं जा सके थे। इस बार छठ का बेसब्री से इंतजार है। साल में एक बार अनुष्ठान करने से पूरे साल छठी मैया की कृपा मिलती है।’ वहीं, बिहार की अनिता शर्मा कहती हैं, “छठ महापर्व मन्नतों का पर्व है। मैं इस साल पहली बार छठ का व्रत रखने जा रही हूं। पिछले 2 सालों से लोगों की जिंदगी जैसे रुक सी गई थी। अब रौनक लौटने लगी है।’

    ऑनलाइन भी खरीद सकते हैं छठ का सामान

    कोरोना के वजह से अगर आप भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जाने से और खरीदारी करने से बचना चाहती हैं तो इसके लिए ऑनलाइन भी विकल्प हैं। छठ पूजा के पारंपरिक सामान ऑनलाइन शॉपिंग वेबसाइट्स पर मिल रहे हैं। पूजा में इस्तेमाल होने वाली लगभग सारी चीजें, जैसे – बांस का कठौत, सूप, मिट्टी का चूल्हा, दीया आदि की स्पेशल छठ पूजा किट ऑनलाइन उपलब्ध है।

    कोरोन का खतरा टला नहीं, सावधानियां बरतनी जरुरी 

    जयपुर के डॉ. पंकज आनंद बताते हैं कि अभी कोरोना खत्म नहीं हुआ है। ऐसे में आपको छठ पूजा के दौरान सावधानियां जरूर बरतनी चाहिए। अक्सर छठ घाटों पर सामूहिक स्नान के दौरान काफी ज्यादा भीड़ होती है। अगर इसमें कोई कोरोना पॉजिटिव हो तो, उसके खांसने, छींकने या सांस लेकर डुबकी लगाने से संक्रमण फैलने की संभावना रहती है। ऐसे में मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखें। वहीं, बुजुर्गों और प्रेग्नेंट महिलाओं ने छठ पूजा में जाने से बचना चाहिए। अगर बदलते मौसम में आप छोटे बच्चों को नदी, तालाब पर लेकर जाते हैं तब उनकी भी बीमार पड़ने की संभावना हैं।