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    सीमा कुमारी

    नई दिल्ली: संतान की लंबी आयु और सुख-समृद्धि की कामना के लिए रखा जाने वाला सकट चौथ (Sakat Chauth) का व्रत 10 जनवरी, मंगलवार के दिन है। हर साल ये पर्व माघ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। सकट व्रत को संकष्टी चतुर्थी, तिलकुट और माघी चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है। इस व्रत को करने से गणेश जी प्रसन्न होते हैं और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं। कहा जाता है कि इस व्रत के दौरान मांगी जाने वाली सभी मनोकामनाएं भी पूरी हो जाती हैं। हालांकि इस व्रत के दौरान कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए। आइए जानें इस दिन किन बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए ।

    ज्योतिष- शास्त्र के अनुसार, सकट चौथ व्रत के दौरान भगवान गणेश की पूजा करने के बाद चंद्रमा को अर्घ्य देने का विधान है। ऐसे में जब भी आप चंद्रमा को अर्घ्य दें तो इस बात का जरूर ध्यान रखें कि अर्घ्य के दौरान आपके पैरों में जल के छींटे न पड़ें।

    कहते हैं, भगवान गणेश की पूजा में कभी भी तुलसी के पत्तों का प्रयोग नहीं करना चाहिए। इससे गणेश जी नाराज हो सकते हैं। भगवान गणेश को दूर्वा घास बहुत ही प्रिय होती है। ऐसे में उनकी कृपा पाने के लिए पूजा में उन्हें दूर्वा घास जरूर अर्पित करें। सकट चौथ के दिन भूलकर भी काले वस्त्र नहीं पहनने चाहिए। इस दौरान पीले या लाल रंग के कपड़े पहनना शुभ माना जाता है।  

    सकट चौथ व्रत तभी पूरा होता है जब गणेश जी की पूजा करने के बाद चांद के दर्शन करते हुए उन्हें अर्घ्य दिया जाए। बिना चंद्रमा को अर्घ्य दिए पूजा ऐसे में भूलकर भी बिना चंद्रमा को अर्घ्य अर्पित किए व्रत नहीं खोलना चाहिए।