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    -सीमा कुमारी

    सनातन धर्म में सावन (श्रावण माह) का बड़ा महत्व है। यह महीना शिव भक्तों के लिए बहुत ही शुभ एवं पवित्र होता है। श्रावण के पूरे माह के दौरान शिवभक्त प्रतिदिन स्नान करने के बाद शिव मंदिर जाकर शिवजी की पूजा करते है। श्रावण माह में पड़ने वाली सोमवारी का भी विशेष महत्व होता है। 

    सावन सोमवारी का उपवास करने से शिवजी की विशेष कृपा भक्तों पर सदैव बनी होती है। लेकिन, श्रावण माह में ऐसे कई कार्यों के बारे में बताया गया है, जिसे करने पर पूरी तरह से मनाही होती है। आइए जानें उन कार्यों के बारे में-

    ज्योतिष-शास्त्र के अनुसार, सावन के महीने में मांसाहारी भोजन करने से बचना चाहिए। न ही मदिरा का सेवन करना चाहिए। इसके अलावा, लहसुन-प्याज का भी सेवन नहीं करना चाहिए।

    कहते हैं कि, सावन में दूध का भी सेवन नहीं करना चाहिए। इस पूरे माह शिवलिंग पर दूध अर्पित किया जाता है।

    ऐसा माना जाता है कि सावन के महीने में दाढ़ी और बाल नहीं बनाने चाहिए।

    शिव जी की आराधान का पूर्ण फल तभी मिलता है जब व्यक्ति अपने विचारों में सकारात्मकता रखे। ऐसे में भगवान भोलेनाथ की कृपा पाना चाहते हैं, तो किसी का अनादर न करें। दूसरों के प्रति द्वेष की भावना न लाएं। गुरु, माता पाता, जीवनसाथी, दोस्त अथवा द्वार पर आए लोगों के अपमान नहीं करना चाहिए।

    सावन के महीने में बिस्तर का त्याग कर जमीन पर सोना चाहिए। साथ ही दिन में सोने से परहेज करना चाहिए। सिर्फ एक समय ही सोएं और बाकी का समय शिव भक्ति में लगाएं। इसके साथ इस महीने में शरीर पर तेल न लगाएं। ऐसा करना अशुभ माना जाता है। इस माह तेल का दान करना शुभ माना जाता है।

    मान्यता है कि श्रावण माह में बैंगन, साग आदि भी नहीं खाना चाहिए।