आज है साल 2023 की अंतिम ‘भौमवती अमावस्या’, जानिए सही तिथि, पूजा का मुहूर्त और इस विशेष अमावस्या का महत्व

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सीमा कुमारी

नवभारत डिजिटल टीम: इस बार साल की आखिरी अमावस्या बहुत महत्वपूर्ण मानी जा रही है, क्योंकि मार्गशीर्ष माह में आने वाली अमावस्या आज यानी मंगलावर के दिन पड़ रही है। जी हां आज यानी 12 दिसंबर 2023, मंगलवार को यह अमावस्या है। अमावस्या तिथि जब मंगलवार को होती है तो उसे ‘भौमवती अमावस्या’ (Bhaumvati Amavasya 2023) के नाम से जाना जाता है।

मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन तीर्थ स्नान करना बहुत फलदायी माना जाता है। जो लोग इस महीने में तीर्थ स्नान करते हैं उन्हें जीवन में सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है और सभी बाधाओं से मुक्ति मिलती है। इसके अलावा, इस अमावस्या पर किया गया दान समस्त मनोकामना की पूर्ति करता है। आइए जानें इस साल की आखिरी भौमवती अमावस्या की डेट, मुहूर्त और महत्व-

तिथि

साल 2023 की आखिरी भौमवती अमावस्या 12 दिसंबर 2023, मंगलवार को है। ये मार्गशीर्ष माह की अमावस्या होगी। मंगलवारी अमावस्या के दिन पितरों का पूजन अर्चन करने से मनुष्य पितृ-ऋण से मुक्त हो जाता है। इस दिन हनुमान जी की पूजा करने से अमंगल का नाश होता है।

शुभ मुहूर्त  

पंचांग के अनुसार मार्गशीर्ष अमावस्या 12 दिसंबर 2023 को सुबह 6 बजकर 24 मिनट से शुरू होगी और 13 दिसंबर 2023 को सुबह 5 बजकर 1 मिनट पर इसका समापन होगा।

स्नान मुहूर्त – सुबह 05.14 – सुबह 6.09

तर्पण समय- सुबह 11.54 – दोपहर 12.35

महत्व

ज्योतिषियों के मुताबिक, कर्ज से छुटकारा पाने के लिए भौमवती अमावस्या का दिन अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। विष्णु पुराण में कहा गया है कि मंगलवारी अमावस्या पर व्रत रखने से न सिर्फ हनुमानजी बल्कि सूर्य, अग्नि, इंद्र, रूद्र, अष्टवसु, पितर, अश्विनी कुमार और ऋषि तृप्त हो जाते हैं। 

भौमवती अमावस्या पर हनुमान जी का असर रहता है। ऐसे में कर्ज से छुटकारा पाने के लिए इस दिन ऋणमोचक मंगल का पाठ करें। भौमवती अमावस्या पर मंगल के बीज मंत्र या उससे जुड़ी वस्तुओं का दान करने से मंगल दोष दूर होता है।  

वैवाहिक जीवन के साथ ही शारीरिक क्षमताओं में कमी, बुढ़ापा, रोग द्वेष और कलह-क्लेश को जन्म देता है। अगर मंगल दोष प्रबल होता जा रहा है तो भौमवती अमावस्या पर लाल मीठी चीजों का दान करें मंगल के मंत्र का जाप मध्य दोपहर करने से मंगल का अशुभ प्रभाव समाप्त हो जाता है।