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    सीमा कुमारी

    रंगों का त्योहार होली आने में अब बस कुछ ही दिन बाकी है। मगर बाजारों और लोगों के बीच इसकी रौनक अभी से ही देखने को मिल रही है। बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक होली ऐसा त्योहार होता है जिसमें ना सिर्फ दोस्त बल्कि दुश्मन भी गले मिलकर गिले शिकवे भुला के इसका आनंद उठाते हैं। इस दिन लोग एक दूसरे को रंग और गुलाल से सराबोर कर देते हैं। हर किसी के चेहरे लाल, हरे, गुलाबी रंग या गुलाल से रंगे होते हैं। रंग सुख, सौभाग्य और खुशहाली के प्रतीक माने जाते हैं। इस साल होली के पावन अवसर पर आप वास्तु अनुसार रंगों का चयन करके अपनी किस्मत को चमका सकते हैं। आइए जानें  कि वास्तु -शास्त्र के अनुसार, किन रंगों से होली खेलने से सुख और सौभाग्य में वृद्धि हो सकती है। –

     वास्तु-शास्त्र के अनुसार, लाल रंग या गुलाल से होली खेलने से सेहत और प्रतिष्ठा में वृद्धि होती है। लाल रंग को ऊर्जा और शक्ति का प्रतीक माना जाता है। इस रंग के प्रयोग से मंगल ग्रह मजबूत होता है। हालांकि जिन लोगों को जल्दी गुस्सा आता है, या जो लोग अवसाद में हैं, उन लोगों को लाल रंग का प्रयोग करने से बचना चाहिए। लाल रंग दक्षिण पूर्व दिशा का प्रतीक है।

     गुलाबी रंग से होली खेलने से प्रेम बढ़ता है। आपको अपने जीवनसाथी के साथ इस रंग या गुलाल से होली अवश्य खेलनी चाहिए। कहते हैं कि, इससे रिश्ते मजबूत होते हैं। गुलाबी रंग के प्रयोग से व्यक्ति के अंदर संषर्घ करने की क्षमता बढ़ती है।

    ज्योतिष-शास्त्र के मुताबिक, हरे रंग को समृद्धि, प्रेम, प्रगति और सकारात्मकता का प्रतीक माना जाता है। क्योंकि, हरे रंग के प्रयोग से बुध ग्रह मजबूत होता है। निर्णय क्षमता, बुद्धि, विवेक में वृद्धि होती है। बिजनेस में तरक्की मिलती है। प्रेम संबंधों को मजबूत करने के लिए भी आप हरे रंग से होली खेल सकते है। इस रंग से जीवन में शांति आती है। इसके अलावा, हरा रंग उत्तर दिशा का प्रतीक माना जाता है।

    नीला रंग से होली खेलने पर आरोग्य की प्राप्ति होती है। बीमार लोगों को आप नीले गुलाल लगा सकते है। नीला रंग शनि देव का भी प्रतीक है। इसके प्रयोग से शनि देव की भी कृपा प्राप्त कर सकते हैं। इसके प्रयोग से सुरक्षा की भावना मजबूत होती है। वास्तु -शास्त्र के मुताबिक, होली के समय में काले रंग का प्रयोग भूलकर भी न करें। वास्तुशास्त्र में इसे शुभ नहीं माना जाता है।

     कहते हैं कि,पीले रंग से होली खेलने पर प्रेम, सौंदर्य, आनंद में वृद्धि होती है।  पीला रंग भगवान श्रीकृष्ण को अति प्रिय है। पीला रंग गुरु ग्रह का भी प्रतिनिधि    है। इसके प्रयोग से सफलता, यश और कीर्ति में वृद्धि होती है। यदि किसी से रिश्तों में खटास हो, तो उसके साथ पीले रंग से होली खेलें। यह निराशा को दूर करता है। पीला रंग उत्तर-पूर्व दिशा का प्रतीक है।