आज देशभर में मनाया जाएगा होलिका दहन, जानें शुभ मुहूर्त, पूजन सामग्री और पूजा विधि

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    खुशियों, रंगों और उल्लास का त्योहार होली (Holi 2022) आने में अब बस एक दिन ही बचा है। फाल्गुन मास की पूर्णिमा यानी आज 17 मार्च को देशभर में होलिका दहन (Holika Dahan 2022) का त्योहार मनाया जाएगा। शास्त्रों में फाल्गुन पूर्णिमा का बहुत महत्व है। ऐसा माना जाता है कि होलिका की अग्नि की पूजा करने से कई तरह के लाभ मिलते हैं। तो चलिए जानते हैं होलिका दहन का शुभ मुहूर्त, मंत्र और पूजा विधि-

    शुभ मुहूर्त

    होलिका दहन तिथि – 17 मार्च 2022

    होलिका दहन शुभ मुहूर्त- 17 मार्च को रात 9 बजकर 20 मिनट से रात 10 बजकर 31 मिनट तक

    होलिका दहन की अवधि- करीब एक घंटा और 10 मिनट

    भद्रा पूँछ- रात में 09 बजकर 06 से लेकर 10 बजकर 16 तक

    भद्रा मुख- 17 मार्च रात 10 बजकर 16 से लेकर 18 मार्च 12 बजकर 13 तक

    होलिका दहन की पूजन सामग्री 

    • एक कटोरी पानी, 
    • गाय के गोबर के उपले से बनी माला, 
    • रोली, 
    • अक्षत, 
    • अगरबत्ती और धूप, 
    • फूल, 
    • कच्चा सूती धागा, 
    • हल्दी का टुकड़ा, 
    • मूंग की साबुत दाल,
    • बताशा, 
    • गुलाल पाउडर, 
    • नारियल, 
    • नया अनाज (गेहूं)

    पूजा विधि

    होलिका दहन से पहले होली पूजन का विशेष महत्व है। इस दिन सुबह जल्दी उठकर सभी कामों से निवृत्त होकर स्नान कर लें। फिर शाम में होलिका पूजन वाले स्थान में जाए और पूर्व या उत्तर दिशा में मुख करके बैठ जाएं। अब पूजन में गाय के गोबर से होलिका और प्रहलाद की प्रतिमाएं बनाएं। फिर रोली, अक्षत, फूल, कच्चा सूत, हल्दी, मूंग, मीठे बताशे, गुलाल, रंग, सात प्रकार के अनाज, गेहूं की बालियां, होली पर बनने वाले पकवान, कच्चा सूत, एक लोटा जल मिष्ठान आदि के साथ होलिका की पूजा करें।

    इसके साथ ही भगवान नरसिंह की पूजा भी की जाती है। होलिका पूजा के बाद होली की परिक्रमा करनी चाहिए और होली में जौ या गेहूं की बाली, चना, मूंग, चावल, नारियल, गन्ना, बताशे आदि चीजें डालनी चाहिए।