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    -सीमा कुमारी

    ‘रक्षाबंधन’ (Rakshabandhan) का त्योहार हर साल सावन महीने के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को मनाया जाता है। इस वर्ष रक्षाबंधन का पावन त्योहार 11 अगस्त दिन गुरुवार को है। सनातन धर्म में ‘रक्षाबंधन’ (Rakshabandhan) का बड़ा महत्व है। हिंदू धर्म में ऐसी मान्यता है कि शुभ मुहूर्त में ही भाइयों के कलाई में राखी बांधनी चाहिए। भद्रा मुहूर्त ने कभी भी राखी नहीं बांधनी चाहिए। आइए जानें आखिर क्यों भद्रा मुहूर्त में राखी नहीं बांधनी चाहिए ?

    मान्यता के अनुसार, भद्रा काल में शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं, इसलिए भद्रा काल के समय राखी बंधवाना शुभ नहीं माना जाता है। हिंदू धर्म में ऐसी मान्यता है कि, भद्रा काल में किए गए कार्य अशुभ होते हैं और उनका परिणाम भी अशुभ होता है, इसलिए भद्रा काल के समय कभी भी भाइयों को राखी नहीं बांधनी चाहिए।

    पौराणिक कथा के अनुसार, इस कथा के अनुसार रावण ने अपनी बहन से भद्रा काल में ही राखी बंधवाई थी, जिसका परिणाम रावण को भुगतना पड़ा। रावण की पूरी लंका का विनाश हो गया। तब से लेकर आज तक कभी भी भद्रा मुहूर्त में राखी नहीं बांधवाई जाती है।

    शुभ मुहूर्त

    पंचांग के अनुसार, इस साल 11 अगस्त, गुरुवार के दिन रक्षाबंधन मनाया जाएगा। इस दिन पूर्णिमा तिथि सुबह 10 बजकर 38 मिनट से प्रारंभ होगी और 12 अगस्त शुक्रवार सुबह 07 बजकर 05 मिनट तक रहेगी।

    भद्रा मुहूर्त

    पंचांग के अनुसार भद्रा पुंछ- शाम 5 बजकर 17 मिनट से 6 बजकर 18 मिनट तक रहेगा। भद्रा मुख- शाम 6 बजकर 18 मिनट से 8 बजे तक रहेगा और भद्रा समाप्ति- रात 8 बजकर 51 मिनट पर रहेगा।