भगवान शिव ‘इस’ वस्तु से हो जाते हैं प्रसन्न, जानिए अर्पित करने का सही तरीका और मंत्र

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    -सीमा कुमारी

    चावल, यानी अक्षत (Akshat) धार्मिक लिहाज से बहुत ही शुभ (auspicious) माना जाता है। इसके साथ ही किसी भी मांगलिक अनुष्ठान में अक्षत का इस्तेमाल अवश्य किया जाता है। मान्यता के अनुसार, अक्षत अर्पित करने से घर में सुख-समृद्धि आती है और समाज में मान सम्मान भी बढ़ता है। इसी तरह भगवान शिव की कृपा पाने के लिए कच्चा चावल चढ़ाना शुभ होता है। शास्त्रों में फूल के साथ चावल को भगवान पर अर्पित करने का विशेष विधान बताया गया है। आइए जानें भगवान को अक्षत चढ़ाते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए-

    शास्त्रों के अनुसार, टूटे हुए चावल भगवान को नहीं चढ़ाना चाहिए। क्योंकि अक्षत को पूर्णता का प्रतीक माना जाता है। इसलिए शिवलिंग में कभी भी टूटे हुए चावल नहीं चढ़ाना चाहिए। इससे पूजा का पूर्ण फल नहीं मिलता है।

    कहा तो ये भी जाता है कि कभी भी चावल को अकेले नहीं चढ़ाना चाहिए। इसके लिए चावल के साथ फूल, कुमकुम, अबीर, रोली आदि जरूर ले लें। आप चाहे तो थोड़े से चावल हल्दी से रंग कर रख सकते हैं। भगवान को चावल चढ़ाने के लिए हाथ की मध्यमा और अनामिका उंगली के साथ अंगूठे का इस्तेमाल करें।

    ज्योतिष-शास्त्र के अनुसार, चावल को पूर्णता का प्रतीक माना जाता है। इसलिए बिना चावल शिवजी की पूजा पूरी नहीं होती है। इसलिए भगवान भोलेनाथ को मुट्ठी भर चावल अर्पित कर सकते हैं। अगर आप मुट्ठी भर चावल नहीं अर्पित कर सकते हैं, तो चावल के 5 या 7 दाने चढ़ा कर सकते हैं।

    शिवलिंग पर चावल यानी अक्षत (Akshat) चढ़ाना बहुत ही शुभ माना गया है। यदि आपके पास धतुरा या कनैल का फूल नहीं भी है और आप शिवलिंग पर अक्षत चढ़ा दें तो आपको असीम फल की प्राप्ति होगी। अक्षत चढ़ाने वाले को भगवान शिव धन-वैभव और सम्मान प्रदान करते हैं।

    इस मंत्र के साथ भगवान को समर्पित करना चाहिए

    ।।अक्षताश्च सुरश्रेष्ठ कुंकमाक्ता: सुशोभिता:. मया निवेदिता भक्त्या: गृहाण परमेश्वर॥