वसंत पंचमी’ के दिन मां सरस्वती को चढ़ाएं इस रंग की वस्तुएं, जीवन में आएगा जबरदस्त बदलाव

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    सीमा कुमारी

    नई दिल्ली: ज्ञान और बुद्धि की देवी ‘मां सरस्वती’ (Maa Saraswati 2022) को समर्पित ‘वसंत पंचमी’ (Vasant Panchami 2022) का पावन पर्व 5 फरवरी शनिवार के दिन मनाया जाएगा। ये दिन विद्यार्थियों और संगीत प्रेमियों के लिए बहुत ही शुभ होता हैं। माता सरस्वती को वसंत पंचमी के दिन पीली वस्तुएं अर्पित करने का विशेष विधान भी है। यहां तक कि, माता के भक्त भी इस दिन पीले वस्त्र ही धारण करते हैं। क्या आप जानते हैं कि ‘वसंत पंचमी’ (Vasant Panchami 2022) के दिन पीले रंग को इतनी महत्ता क्यों दी गई है आइए जानें –

    ज्योतिषियों का मानना है कि, इस दिन पीला रंग पहनना शुभ माना जाता हैं।  ये रंग सादगी और सात्विकता का रंग है। मां को पीला रंग अधिक प्रिय है। इस मौसम में ठंड कम होने लगती है। पेड़ों पर नई पत्तियां होती हैं और खेतों में पीली सरसों की फसल लहराने लगती है। चारों तरफ पीला-पीला सा सुहावना वातावरण बना दिखाई देता है। और इसी माह में मां सरस्वती का जन्म भी हुआ था। ऐसे में प्रकृति के इस विशेष रंग की चीजें मां अर्पित की जाती है।

    मान्यताओं के अनुसार, पीला रंग समृद्धि, एनर्जी, प्रकाश और आशावाद का भी प्रतीक हैं। ये ब्रेन को एक्टिव करता है और उत्साह बढ़ाता है। आपके दिमाग की नकारात्मकता को दूर करता है और सकारात्मकता की ओर ले जाता है। यानी, पीला रंग अज्ञानता से ज्ञान की ओर ले जाने वाला रंग है। इस तरह ‘बसंत पंचमी’ के दिन पीले रंग की चीजों को माता सरस्वती को अर्पित करके हम मां सरस्वती को ही नहीं बल्कि प्रकृति के प्रति भी सम्मान और आभार प्रकट करते हैं।

    बसंत पंचमी के दिन ऐसे करें पूजा

    इस दिन सुबह स्नान करने के बाद पीले रंग के वस्त्र धारण करें। मन में माता की पूजन या व्रत का संकल्प लें। इसके बाद एक चौकी पर पीले रंग का कपड़ा बिछाकर मां सरस्वती की प्रतिमा या मूर्ति रखें। इसके बाद पीले वस्त्र, पीला चंदन, हल्दी, केसर, हल्दी से रंगे पीले अक्षत, पीले पुष्प मां को अर्पित करें।

    इस दिन ‘मां शारदे’ को पीले रंग के मीठे चावल का भोग लगाएं। विद्यार्थी इस दिन पूजा के समय अपनी किताबों को मां के सामने रखें और उनकी पूजा करें। वहीं, अगर आप संगीत के क्षेत्र से जुड़े हैं तो वाद्य यंत्र माता की पूजा के समक्ष सामने रखें। इसके बाद मां की आरती और वंदना करके आशीर्वाद प्राप्त करें।