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    -सीमा कुमारी

    सावन में सोमवार के साथ-साथ मंगलवार का भी बड़ा महत्व है। सावन के हर मंगलवार को ‘मंगला गौरी’ की पूजा की जाती है। व्रत रखा जाता है। इस दिन माता पार्वती की पूजा की जाती है।

    इस साल सावन में 4 ‘मंगला गौरी व्रत’ हैं। विशेष बात ये है कि पहला मंगला गौरी व्रत ‘सर्वार्थ सिद्धि योग’ में पड़ रहा है। आपको याद दिला दें कि इस साल  सावन का महीना 14 जुलाई से आरंभ हो रहा है।  भगवान शिव के भक्त अपने आराध्य के लिए  सावन के हर सोमवार व्रत रखते हैं और हर मंगलवार को मंगला गौरी का व्रत रखा जाता है। चूंकि, सावन का पहला मंगला गौरी व्रत सर्वार्थ सिद्ध योग में पड़ रहा है, इसमें भगवान शिव और माता पार्वती की निश्छल मन और सद्हृदय से पूजा करने से हर मनोकामना पूरी हो सकती है।

    पहला मंगला गौरी व्रत 19 जुलाई को पड़ रहा है और इस दिन सुबह 5 बजकर 35 मिनट से दोपहर 12 बजकर 12 मिनट तक ‘सर्वार्थ सिद्धि योग’ भी रहेगा। इस दिन ‘रवि योग’ और ‘सुकर्मा योग’ भी रहेंगे। पूजा के लिए ये तीनों ही अति शुभ माने जाते हैं।

    इस वर्ष ‘सावन मंगला गौरी व्रत’

    • 19 जुलाई- पहला मंगला गौरी व्रत
    • 26 जुलाई- दूसरा मंगला गौरी व्रत
    • 02 अगस्त- तीसरा मंगला गौरी व्रत
    • 09 अगस्त- चौथा मंगला गौरी व्रत

    पूजन विधि

    मंगला गौरी व्रत के दिन प्रात:काल में स्नान करें और साफ-सुथरे वस्त्र पहनें। इसके बाद पूजा स्थल की सफाई करें। एक चौकी रखें और उस पर लाल रंग का कपड़ा बिछाएं। यहां माता पार्वती और भगवान गणेश की मूर्ति स्थापित करें। इसके बाद, देवी को सुहाग सामग्री, 16 ऋृंगार, चूड़ियां, सूखे मेवे, नारियल, इलायली, लौंग, सुपारी और मिठाई अर्पित करें। पूजा के बाद माता की आरती उतारे और कथा सुनें। इसके बाद माता को अर्पित किया हुआ प्रसाद बांटें और स्वयं भी ग्रहण करें।