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    -सीमा कुमारी

    इस साल ‘मंगला गौरी’ का पावन व्रत (Mangala Gauri Vrat) सावन महीने के पहले मंगलवार, 19 जुलाई को पड़ रहा है। सावन महीना शिवभक्तों के लिए बहुत ही शुभ माना जाता है। लेकिन, सावन में महिलाओं के लिए एक और व्रत बेहद खास होता है, ये है ‘मंगला गौरी व्रत’ (Mangla Gauri Vrat), जिसे सावन के प्रत्येक मंगलवार को रखा जाता है। यह व्रत माता पार्वती के लिए रखा जाता है।

    मान्यता है कि सावन माह के मंगला गौरी व्रत करने से माता पार्वती प्रसन्न होती हैं और अखंड सौभाग्य का वरदान देती हैं। आइए जानें इस वर्ष मंगला गौरी व्रत कब-कब है और इसकी संपूर्ण पूजा विधि –

    सावन मंगला गौरी व्रत तिथि

    • 19 जुलाई 2022- प्रथम मंगला गौरी व्रत
    • 26 जुलाई 2022- द्वितीय मंगला गौरी व्रत
    • 2 अगस्त 2022- तृतीय मंगला गौरी व्रत
    • 9 अगस्त 2022- चतुर्थ मंगला गौरी व्रत

    शास्त्रों के अनुसार, इस व्रत को सिर्फ विवाहित महिलाएं या सिर्फ अविवाहित कन्याएं नहीं बल्कि दोनों रख सकती हैं। इस दिन महिलाएं मां पार्वती की पूजा करती हैं और व्रत रखती हैं। विवाह योग्य कन्याओं को इस व्रत को करने से सुयोग्य वर की प्राप्ति होती है और विवाहित महिलाओं का वैवाहिक जीवन आनंदमय हो जाता है। मान्यता है कि जिस घर में मंगला गौरी का व्रत और पूजन होता है वहां सुख-समृद्धि आती है।

    पूजन विधि

    ‘मंगला गौरी व्रत’ रखने वाले जातकों को सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करके स्वच्छ वस्त्र धारण करने चाहिए। इसके बाद अपने घर के पूजा स्थल की साफ-सफाई करें और फिर वहां एक चौकी रखकर उस पर लाल रंग का कपड़ा बिछाएं।

    चौकी पर माता पार्वती और प्रथम पूज्य भगवान गणेश की प्रतिमा अथवा तस्वीर स्थापित करें। तत्पश्चात माता पार्वती को कुमकुम, अक्षत, कोई लाल रंग का फूल, धूप, दीप, नैवेद्य, गंध, सोलह श्रृंगार की चीजें, नारियल, सुपारी, लौंग, इलायची और मिठाई अर्पित करें। पूजन के बाद आरती करें। फिर मंगला गौरी व्रत की कथा श्रवण करें या पढ़ें। इसके बाद भगवान को अर्पित किया हुआ भोग प्रसाद रूप में लोगों में बांट दें।

    अतिशुभ है पहला ‘मंगला गौरी व्रत’

    सावन का पहला मंगला गौरी व्रत कई मायनों में खास है। ज्योतिष के मुताबिक इस दिन सवार्थ सिद्ध योग बन रहा है, जो सुबह 05 बजकर 35 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 12 मिनट तक है। जैसा कि आप जानते होंगे इस योग में की गई पूजा से सभी मनोकामना पूर्ण होती है। साथ ही इस मुहूर्त में किये गए सभी कार्य सफल होते हैं। इसलिए 19 जुलाई को सर्वार्थ सिद्धि योग में माता पार्वती की पूजा करें और सच्चे हृदय से अपनी मनोकामना पूरी करने की प्रार्थना करें।

    खास बात ये है कि इस दिन सुबह 05:35 बजे से दोपहर 12:12 बजे तक रवि योग भी है। इसके अलावा दोपहर को 01 बजकर 44 मिनट से सुकर्मा योग प्रारंभ हो रहा है, जो पूरी रात तक रहेगा। ये तीनों योग शुभ एवं मांगलिक कार्यों के लिए अच्छे माने जाते हैं। ऐसे में मंगला गौरी व्रत और माता पार्वती के पूजन से आपको विशेष फल मिलेगा।आम तौर पर सुहागन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और सुखी दांपत्य जीवन के लिए मंगला गौरी व्रत रखती हैं। इस व्रत के प्रभाव से संतान से जुड़ी समस्याएं भी दूर होती हैं।