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चैत्र नवरात्रि 2024

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सीमा कुमारी

नवभारत लाइफस्टाइल डेस्क: फाल्गुन का महीना खत्म होते ही चैत्र माह (Chaitra Month) शुरू हो जाता है जिसे हिंदी कैलेंडर का पहला महीना कहा जाता है। और इस दौरान नवरात्रि के दिन हिंदू नया साल भी मनाया जाता है। आपको बता दें कि, इस साल चैत्र नवरात्रि ( Chaitra Navratri 2024) 9 अप्रैल 2024 से शुरू हो रही है और इस दौरान 9 दिनों मां दुर्गा के 9 अलग-अलग स्वरूपों का विधि-विधान से पूजन किया जाएगा।

नवरात्रि में माता रानी की सवारी बहुत ही महत्वपूर्ण मानी जाती है और ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, मां की सवारी से ही आने वाले अच्छे व बुरे समय का अंदाजा लगाया जाता है। ऐसे में आइए जान लें।

जानें चैत्र नवरात्रि की डेट और माता रानी की सवारी

शुभ मुहूर्त

पंचांग के अनुसार, चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 8 अप्रैल को देर रात 11 बजकर 50 मिनट पर शुरू होगी और अगले दिन यानी 9 अप्रैल को संध्याकाल 8 बजकर 30 मिनट पर समाप्त होगी। सनातन धर्म में उदया तिथि मान है। अतः 9 अप्रैल को घटस्थापना है। साधक सुविधा के अनुसार घटस्थापना कर मां दुर्गा के प्रथम स्वरूप की पूजा-अर्चना कर सकते हैं।

माता दुर्गा की सवारी है घोड़ा

वैसे तो, मां दुर्गा की सवारी शेर है लेकिन नवरात्रि के दिनों में मां दुर्गा धरती पर अलग-अलग वाहनों से आती हैं और हर बार माता का वाहन अलग होता हैं। मां दुर्गा का वाहन इस बात का संकेत देता है कि आने वाला समय कैसा होगा। इस साल चैत्र नवरात्रि 9 अप्रैल 2024, मंगलवार के दिन शुरू होंगे। माता रानी का वाहन इस बात पर निर्भर करता है कि नवरात्रि किस दिन शुरू हो रहे हैं। चैत्र नवरात्रि की शुरुआत मंगलवार के दिन होगी और इस दिन मां घोड़े पर सवार होकर आएंगी।

क्या नहीं होता है शुभ

ज्योतिषियों का मानना है कि, यदि नवरात्रि में माता रानी घोड़े पर सवार होकर आती हैं तो इसे शुभ नहीं माना जाता है। यह किसी एक व्यक्ति के लिए नहीं, बल्कि पूरे समाज के लिए एक खास संकेत होता है। घोड़े पर सवार होकर मां का आना इस बात का संकेत है कि आने वाले समय में सत्ता में बड़ा बदलाव होने वाला है। इसके साथ ही युद्ध के भी हालात बन सकते हैं। साधकों को जीवन में आ रहे सभी संकटों से भी छुटकारा मिलेगा। यानी आने वाला समय बदलाव का होगा और ऐसे में आपको अपने आस-पास छोटे-बड़े कई बदलाव देखने को मिलेंगे। कहते हैं कि मां दुर्गा का घोड़े पर सवार होकर आने का मतलब है कि प्राकृतिक आपदा की संभावना बढ़ सकती है।