इस साल इस-इस दिन है ‘सूर्य ग्रहण’ और ‘चंद्र ग्रहण’, जानिए यहां पूरी जानकारी

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    -सीमा कुमारी

    साल 2022 में कुल 4 ग्रहण लगेंगे। जिसमें दो सूर्य और दो चंद्र ग्रहण हैं। ‘चंद्र ग्रहण’ और’सूर्य ग्रहण’ वैसे तो खगोलीय घटना है, लेकिन ज्योतिष के अनुसार, ग्रहों का प्रभाव इंसान के जीवन पर पड़ता है और इसी कारण लोगों में ग्रहण को लेकर भ्रम- भय और उत्सुकता हमेशा बनी रहती है।

    धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, ग्रहण (Grahan) को अशुभ माना जाता है। इसलिए ग्रहण की अवधि में कोई भी शुभ काम नहीं किए जाते हैं। यहां तक की भगवान की भी पूजा नहीं की जाती हैं। आइए जानते हैं 2022 में चार ग्रहण कब-कब लगने वाला है ?

    साल 2022 का पहला सूर्य ग्रहण

    2022 में पहला सूर्य ग्रहण 30 अप्रैल, शनिवार को लगने वाला हैं। भारतीय समय के अनुसार, यह सूर्य ग्रहण  दोपहर 12 बजकर 15 मिनट से लेकर शाम के 04 बजकर 07 मिनट तक रहेगा। भारत में यह पहला सूर्य ग्रहण आंशिक रहेगा, इस सूर्य ग्रहण को दक्षिणी और पश्चिमी अमेरिका, पेसिफिक अटलांटिक और अंटार्कटिका में देखा जा सकेगा. वहीं इस सूर्य ग्रहण का सूतक का मान्य नहीं होगा।  

    साल 2022 का दूसरा सूर्य ग्रहण

    साल 2022 का दूसरा सूर्य ग्रहण 25 अक्तूबर, शनिवार को लगेगा, भारतीय समय के मुताबिक यह सूर्य ग्रहण शाम के 04 बजकर 29 मिनट से लेकर 05 बजकर 42 बजे तक लगेगा। दूसरा सूर्य ग्रहण आंशिक रहेगा। इस आंशिक सूर्य ग्रहण को यूरोप, दक्षिणी और पश्चिमी एशिया, अफ्रीका और अटलांटिका में देखा जा सकता हैं। भारत में इस आंशिक सूर्य ग्रहण का सूतक काल मान्य नहीं होगा।

    पहला ‘चंद्र ग्रहण’

    अब बात चंद्र ग्रहण की, साल 2022 का पहला चंद्र ग्रहण15 और 16 मई को सुबह 7.02 बजे से शुरू होकर 12.20 बजे तक चलेगा। इसेसाउथ-वेस्ट यूरोप, साउथ-वेस्ट एशिया, अफ्रीका, नॉर्थ अमेरिका के ज्यादातर हिस्सों, साउथ अमेरिका, प्रशांत महासागर, हिंद महासागर अंटार्कटिका और अटलांटिक महासागर में देखा जा सकेगा।

    दूसरा ‘चंद्र ग्रहण’

    साल 2022 का दूसरा आखिरी चंद्र ग्रहण 8 नवंबर को दोपहर 1:32 बजे से शाम 7.27 बजे तक रहेगा जिसे कि नॉर्थ-ईस्ट यूरोप, एशिया, ऑस्ट्रेलिया, नॉर्थ अमेरिका, साउथ अमेरिका में देखा जा सकेगा।

    वर्ष 2022 में पड़ने वाले ग्रहण के दौरान सूतक नियमों का पालन नहीं किया जाएगा। मान्यता के अनुसार, सूतक नियमों का पालन तभी किया जाता है, जब पूर्ण ग्रहण की स्थिति बनें। इस वर्ष सभी ग्रहण आंशिक माने जा रहे हैं। जिस कारण सूतक नियमों का पालन आवश्यक नहीं होगा।