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नवभारत लाइफस्टाइल डेस्क: जैसा कि, हम जानते है आज मुस्लिम धर्म (Muslim Community) को मानने वाले लोगों के लिए खास दिन है जहां पर रमजान महीने की शुरुआत (Ramadan 2024) के साथ पहला रोजा रखा जाएगा। यहां पर रमजान का महीना बेहद खास होता है और लोग बेसब्री से इसका इंतजार करते हैं, चांद नजर आते ही सभी एक-दूसरे को रमजान की मुबारकबाद देने लगते हैं। इस दिन को खास मनाने के लिए आप भी अपनों को इन खास संदेशों से इस पाक महीने की मुबारकबाद दें और दिन को खास बनाएं।
नवभारत लाइफस्टाइल डेस्क: जैसा कि, हम जानते है आज मुस्लिम धर्म (Muslim Community) को मानने वाले लोगों के लिए खास दिन है जहां पर रमजान महीने की शुरुआत (Ramadan 2024) के साथ पहला रोजा रखा जाएगा। यहां पर रमजान का महीना बेहद खास होता है और लोग बेसब्री से इसका इंतजार करते हैं, चांद नजर आते ही सभी एक-दूसरे को रमजान की मुबारकबाद देने लगते हैं। इस दिन को खास मनाने के लिए आप भी अपनों को इन खास संदेशों से इस पाक महीने की मुबारकबाद दें और दिन को खास बनाएं।
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सउदी अरब में 10 मार्च 2024 को रमजान का चांद नजर आ चुका है और 11 मार्च को रमजान का पहला रोजा रखा जाएगा. वहीं भारत में 11 मार्च 2024 से रमजान महीने की शुरुआत होगी और 12 मार्च यानि आज से पहला रोजा रखा जाएगा।
सउदी अरब में 10 मार्च 2024 को रमजान का चांद नजर आ चुका है और 11 मार्च को रमजान का पहला रोजा रखा जाएगा. वहीं भारत में 11 मार्च 2024 से रमजान महीने की शुरुआत होगी और 12 मार्च यानि आज से पहला रोजा रखा जाएगा।
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रमजान इस्लामी कैलेंडर का नौवां महीना होता है जिसमें जो कि 720 घंटे यानी चार सप्ताह और दो दिनों तक चलता है। इस दौरान मुस्लिम लोग सुबह से शाम तक रोजा रखते हैं इसे रहमत और बरकत का महीना कहा जाता है, जिसमें लोग ज्यादा से ज्यादा वक्त इबादत में गुजारते हैं और दान या जकात देते हैं।
रमजान इस्लामी कैलेंडर का नौवां महीना होता है जिसमें जो कि 720 घंटे यानी चार सप्ताह और दो दिनों तक चलता है। इस दौरान मुस्लिम लोग सुबह से शाम तक रोजा रखते हैं इसे रहमत और बरकत का महीना कहा जाता है, जिसमें लोग ज्यादा से ज्यादा वक्त इबादत में गुजारते हैं और दान या जकात देते हैं।
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इस पूरे महीने मुस्लिम लोग रोजा यानी उपवास रखते हैं और अपना ज्यादा समय अल्लाह की इबादत में बिताते हैं मुस्लिम धर्म के लोग अल्लाह का शुक्रिया अदा करते हुए इस महीने के आखिर में ईद-उल-फितर मनाते हैं, जिसे मीठी ईद भी कहा जाता है।
इस पूरे महीने मुस्लिम लोग रोजा यानी उपवास रखते हैं और अपना ज्यादा समय अल्लाह की इबादत में बिताते हैं मुस्लिम धर्म के लोग अल्लाह का शुक्रिया अदा करते हुए इस महीने के आखिर में ईद-उल-फितर मनाते हैं, जिसे मीठी ईद भी कहा जाता है।