आटे के दिए
आटे के दिए

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सीमा कुमारी

नवभारत डिजिटल टीम: हिंदू धर्म में देवी-देवता के पूजा-पाठ, आरती और अनुष्ठान में दीप प्रज्वलित करने की परंपरा सदियों से चली आ रही है। क्योंकि, दीपक को शुभता का प्रतीक माना जाता है इसलिए पूजा के दौरान दीपक जलाना बेहद शुभ माना जाता है। दीपक जलाए बिना अधूरी मानी जाती है और इसका शुभ फल प्राप्त नहीं हो पाता है। धार्मिक मान्यताओं की मानें तो, दीपक प्रज्वलित करने से उस जगह का वातावरण शुद्ध (Atmosphere pure) हो जाता है और सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है। सनातन धर्म में मिट्टी और आटे दोनों तरह के दीपक जलाए जाते हैं। दोनों का अपना-अपना महत्व भी है।

लेकिन, आटे के दीपक को ज्यादा शुद्ध और पवित्र माना गया है। धार्मिक मान्यता है कि आटे के दीपक जलाने से देवी-देवता प्रसन्न होते हैं और सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं। आइए जानें इस बारे में-

 

ज्योतिषियों के मुताबिक, व्रत, पूजा या अनुष्ठान में दीप प्रज्ज्वलित करने से पूरा वातावरण सकारात्मक बन जाता है। अलग-अलग तरह की समस्या के लिए अलग आटे का दीपक जलाया जाता है। इसका प्रभाव भी जल्दी ही देखने को मिलता है। ऐसा करने से उस समस्या से निजात मिल जाती है।

कहते है, मनोकामनाएं पूरी करने के लिए आटे के दीपक को घटते या बढ़ते क्रम में जलाना चाहिए। 11, 21 और 31 दिन। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, 1 दीपक से शुरुआत करते हुए 11 दीपक तक जलाने चाहिए।  आप इसे घटते या बढ़ते क्रम में लगा सकते हैं। घटने क्रम में जैसे पहले दिन 11 दीपक, दूसरे दिन 10 दीपक, तीसरे दिन 9 और ऐसा करते हुए 1 दीपक तक आना चाहिए।

ज्योतिषियों के अनुसार, अगर आप आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं तो ऐसे में पूजा के दौरान मूंग के आटे का दीपक जलाकर पूजन करें। कहते है ऐसा करने से आपके घर-परिवार में सदैव सुख-शांति का वास रहता है और गरीबी आपसे कोसों दूर हो जाती है।

अगर आप शत्रु पर जीत हासिल करना चाहते हैं और उससे कहीं आगे निकलना चाहते हैं, तो उड़द के आटे से बना दीपक जलाना चाहिए। इससे आपका शत्रु आपके आसपास भी फटक नहीं सकेगा।