शनि की साढ़ेसाती व ढैय्या इन राशियों पर होगी मेहरबान, नहीं होगी अधिक मुश्किल

    Loading

    सीमा कुमारी

    नई दिल्ली: दंड और न्याय के स्वामी माने जाने वाले ग्रह शनि को न्याय का कारक माना जाता हैं। वह अच्छे को अच्छा और बुरे को बुरे कर्मों का फल देते हैं। इसी कारण कुंडली में शनि का प्रकोप होने पर हर कई काफी डर जाता है कि अब उनके ऊपर शनिदेव किस तरह की कृपा बरसाएंगे।

    ज्योतिष शास्त्र के अनुसार 12 राशियों में से शनिदेव मकर और कुंभ राशि के स्वामी है। इसलिए इस राशि के जातकों को लाभ मिलता है। इसके साथ ही शनिदेव को और भी राशियां भी अति प्रिय है। जिसके कारण शनि साढ़ेसाती और ढैय्या में भी ज्यादा कष्ट नहीं देते हैं। आइए जानें किन राशियों में मेहरबान रहते हैं  दंड और न्याय के देवता शनिदेव।

    ज्योतिष- शास्त्र के अनुसार, धनु राशि के स्वामी गुरु ग्रह है। ऐसे में शनि और गुरु का मिलन सम संबंध कहलाता है। यह दोनों ग्रह एक दूसरे से बैर नहीं रखते हैं। इसलिए इस राशि के जातकों के ऊपर भी शनिदेव मेहरबान रहते हैं।

    इसके साथ ही धनु राशि के लोगों को भी शनि साढ़ेसाती और ढैय्या के समय ज्यादा कष्ट नहीं देते हैं। इस राशि के जातकों को नौकरी में पदोन्नति के साथ धन लाभ मिलता है। इसके साथ ही समाज में मान-सम्मान बढ़ता है।

    वृषभ राशि स्वामी शुक्र है और शुक्र के साथ मित्रता का भाव है। ऐसे में इस राशि के जातकों के ऊपर शनिदेव की शुभ कृपा दृष्टि बनी रहती है। ऐसे में इस राशि के जातकों के ऊपर शनि दोष, शनि साढ़े साती और ढैय्या का अधिक प्रभाव नहीं पड़ता है।

    कुंभ राशि के स्वामी भी शनिदेव है। ऐसे में इस राशि के जातकों के ऊपर शनि की साढ़े साती और ढैय्या का प्रकोप काफी कम होता है। शनिदेव की कृपा होने से इन लोगों को धन से जुड़ी परेशानियां का सामना नहीं करना पड़ता है। इस राशि के जातक अपने मुकाम को तय समय में जरूर पा लेते हैं।

    तुला राशि के स्वामी भी शुक्र है। दोनों ग्रहों के बीच मित्रता का भाव होने के कारण अशुभ प्रभाव कम होता है। शनि की यह उच्च राशि मानी जाती है। ऐसे में इस राशि के जातकों के ऊपर शनि के साथ शुक्र की भी बनी रहती है।

    जिसके कारण तुला राशि के जातकों को हर काम में सफलता प्राप्त होती है। मेहनत का पूरा फल मिलता है। लेकिन अगर तुला राशि में शनि की साढ़े साती और ढैय्या चल रही है, तो कुछ कष्टों का सामना करना पड़ सकता है।

    मकर राशि के स्वामी स्वयं शनि है। इसलिए इस राशि के जातकों के ऊपर भी शनिदेव की अपार कृपा रहती है। शनि दोष के समय भी इस राशि के जातकों को कुछ ही कष्टों का सामना करना पड़ता है। इस राशि के जातक अधिक मेहनत करके फल को पा लेते हैं। बिजनेस और नौकरी में भी अपार लाभ मिलता है।