भाई के ऊपर आई बड़ी मुसीबत हटाने के लिए होलिका दहन पर करें ये काम

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    -सीमा कुमारी

    हिंदुओं का प्रमुख त्योहार ‘होली’ 18 मार्च को है। यह त्यौहार बेहद खास होता है और इस दिन कई तरह के ज्योतिषीय उपाय भी किए जाते हैं। आप सभी को बता दें कि होलिका दहन, धुलेंडी या रंग पंचमी के दिन कुछ विशेष सामग्रियां खरीदने का चलन है।

    ज्योतिष-शास्त्र के अनुसार, इन्हें खरीदने से घर-परिवार में सुख, शांति, धन समृद्धि बनी रहती है। इसके अलावा भाग्य भी चमक सकता है। आइए जानें उन प्रमुख सामग्रियों के बारे में-

    ज्योतिष-शास्त्र के मुताबिक, होलिका दहन के लिए गोबर के कंडे लगते हैं, जो होली के डांडा के आसपास जमाएं जाते हैं। केवल यही नहीं, बल्कि इसी के साथ सात कंडों के बीच में छेद करके उसमें सूत या मूंज का धागा पिरोकर उसे होली में सजाया जाता है जिसे भरभोलिया कहते हैं। कहते हैं, होलिका दहन के पहले इसे भाइयों के उपर से वार कर होली की अग्नि में जलाने से भाई के ऊपर आया संकट हट जाता है। गांवों कंडे भी जमा करके रखे जाते हैं।

    होली के दौरान गेहूं की फसल पक जाती है। इसी वजह से गांवों में होली के अवसर पर फसल और पशु पूजा होती है। वहीं होलिका पूजन के लिए गेहूं की बाली की आवश्यकता होती है, जिसे होला भी कहते हैं। ऐसे में नए अनाज को होली की अग्नि में अर्पित करने की परंपरा है। नई फसल को सबसे पहले अग्नि के माध्यम से देवताओं को अर्पित करते हैं।

    ज्योतिषियों का मानना है कि, माता लक्ष्मी को बताशे अति प्रिय है। जी हां, और इससे मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और आपको समृद्धि का आशीष देती हैं। ऐसे में इसे खरीदने से आपको हर कार्य में अपार सफलता भी मिलेगी और इसे होलिका दहन के दिन आग में डालने से जीवन की हर बाधा स्वाहा हो जाती है।

    होलिका दहन के लिए जब होली के दो डांडे को सजाया जाता है तब उसे चुनर भी ओढ़ाई जाती है। दो डांडा में से एक डांडा होलिका का प्रतीक है तो दूसरा प्रह्लाद का।