New Corona 'strain' case comes to Florida after Colorado and California, health officials have increased concerns
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इंदौर. देश में कोविड-19 से सबसे ज्यादा प्रभावित जिलों में शामिल इंदौर में इस महामारी का प्रकोप बढ़ने के बीच संक्रमितों के मौत की आधिकारिक जानकारी देरी से सार्वजनिक किये जाने को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं। ताजा मामले में स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना वायरस संक्रमण के दो मरीजों की मौत की जानकारी तीन महीने के बाद दी है। स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने सोमवार को बताया कि कोरोना वायरस से संक्रमित पाये गये 36 और 70 वर्षीय पुरुष ने यहां अलग-अलग निजी अस्पतालों में इलाज के दौरान क्रमश: सात अप्रैल और 10 अप्रैल को दम तोड़ दिया था।

हालांकि, दोनों मरीजों की मौत की आधिकारिक जानकारी इसके तीन महीने बाद स्वास्थ्य विभाग के रविवार देर रात जारी कोविड-19 बुलेटिन के साथ दी गयी है। इस देरी पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) प्रवीण जड़िया ने कहा कि गुजरे दिनों में स्थानीय अस्पतालों में कोविड-19 से दम तोड़ने वाले मरीजों के रिकॉर्ड की जांच और मिलान किया जा रहा है। इस कवायद के दौरान महामारी से 36 वर्षीय पुरुष और 70 वर्षीय पुरुष की मौत की जानकारी मिलने पर इसे अब सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज किया गया है।

प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस के साथ ही गैर सरकारी संगठन और सूचना का अधिकार (आरटीआई) कार्यकर्ता लम्बे समय से आरोप लगा रहे हैं कि जिला प्रशासन इन मौतों का खुलासा “अपनी सुविधानुसार” कर रहा है जिससे महामारी के सरकारी आंकड़ों की विश्वसनीयता संदेह के घेरे में आ गयी है। आरटीआई कार्यकर्ता अजय दुबे ने कहा, “कोविड-19 की रोकथाम को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के जारी दिशा-निर्देशों में ऐसा कहीं भी नहीं कहा गया है कि स्थानीय प्रशासन इस महामारी से किसी मरीज की मौत की जानकारी का खुलासा अपने स्तर पर रोक सकता है।”

इस बीच, इंदौर जिले में पाबंदियों में प्रशासन के ढील दिये जाने के बाद कोविड-19 के रोजाना मिलने वाले मामलों की तादाद हाल के दिनों में बढ़ रही है। अधिकारियों के मुताबिक जिले में पिछले 24 घंटे के दौरान बड़े उछाल के साथ इस महामारी के 92 नये मामले मिले हैं जिससे संक्रमितों की कुल तादाद बढ़कर 5,352 हो गयी है। इनमें से 269 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि इलाज के बाद 4,017 लोग कोरोना वायरस संक्रमण से मुक्त हो चुके हैं। जिले में इस प्रकोप की शुरूआत 24 मार्च से हुई, जब पहले चार मरीजों में इस महामारी की पुष्टि हुई थी।(एजेंसी)