जनसभा में घुटनों के बल बैठे CM शिवराज, कमल नाथ ने साधा निशाना, तो शर्मा ने किया पलटवार 

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भोपाल: विधानसभा की 28 सीटों पर होने वाले उप चुनाव में जीत के लिए भाजपा (BJP) और कांग्रेस  (Congress) ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. भाजपा जहां मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) के नेतृत्व में उत्तरी है, तो वहीं कांग्रेस पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ (Kamal Nath) के अगुवाई में लड़ रही है. प्रचार के दौरान कांग्रेस और भाजपा नेताओं के बीच वार पलट वार भी तेज हो गया है. मंदसौर में एक जनसभा के दौरान घुटनों के बल बैठने को लेकर कमलनाथ ने मुख्यमंत्री शिवराज पर निशाना साधा. जिसपर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष शर्मा ने पलटवार किया.  

जनता को झूठे- लच्छेदार भाषण परोसकर मूर्ख ना समझे
पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने तंज कस्ते हुए कहा, “यदि नेता जनता को झूठे सपने, झूठे सब्ज़बाग़ ना दिखाये, झूठी घोषणाएँ ना करे, झूठे चुनावी नारियल ना फोड़े, जनता से किये अपने हर वादे को वचन समझ पूरा करे, जनता को झूठे- लच्छेदार भाषण परोसकर मूर्ख ना समझे.”

उन्होंने कहा, “अपनी सत्ता लोलुपता के लिये सौदेबाज़ी से जनादेश का अपमान कर राजनीति को कलंकित ना करे, जनहित उसके लिये सदैव सर्वोपरि हो तो जनता उसे हमेशा सर आँखो पर बैठाती है, अपने सर का ताज बनाती है, उसको घुटने टेकने की कभी ज़रूरत ही  नहीं पड़ती है.”

दरअसल, आगामी उप चुनाव में मंदसौर जिले के सुवसारा विधानसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी हरदीप सिंह दंगा के प्रचार के दौरान मुख्यमंत्री शिवराज का नया रूप देखने को मिला. सभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, “मंदसौर और नीमच की जनता ने अगर मुझे आशीर्वाद नहीं दिया होता हो मैं चौथी बार मुख्यमंत्री नहीं बनता. इसलिए मुझे प्रणाम करना है. इसके बाद मुख्यमंत्री ने तुरंत मइक छोड़ा और घुटने के बल बैठ कर जनता जनार्दन को प्रणाम करने लगे. 

दिल्ली दरबार में सर झुकाने वाले जनता के प्यार को क्या जाने
कमलनाथ के इस वार पर भाजपा ने पलटवार किया. प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सांसद वी. डी. शर्मा ने कहा, “जिनकी ‘दिल्ली दरबार’ में ‘सिर नवाने’ और ‘चढ़ावा चढ़ाने’ की पुरानी आदत हो, उन्हें ‘जनता दरबार’ और ‘जनता के प्यार’ की पहचान ना होना स्वाभाविक है.”