मुंबई. बंबई उच्च न्यायालय (Bombay High Court) ने सरकारी कर्मचारियों (Government Employees) की पदोन्नति (Promotion) में 33 फीसदी आरक्षण (Reservation) रद्द करने के महाराष्ट्र सरकार (Maharashtra Government) के निर्णय अस्थायी रूप से रोक लगाने से मंगलवार को इंकार कर दिया। सामान्य प्रशासन विभाग ने सात मई को एक अंतरिम सरकारी प्रस्ताव या आदेश जारी कर अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, विमुक्त जाति, घुमंतू जनजाति और विशेष पिछड़ा वर्ग श्रेणी के सरकारी नौकरशाहों की पदोन्नति में आरक्षण हटा दिया था।
यह निर्णय उच्चतम न्यायालय द्वारा महाराष्ट्र (Maharashtra) में मराठा समुदाय (Maratha Community) के लोगों के लिए आरक्षण के निर्णय को अवैध करार देने के बाद किया गया। विरोध-प्रदर्शन के बाद राज्य सरकार ने दस मई को सर्कुलर जारी कर सात मई के अंतरिम आदेश पर रोक लगा दी।
सरकार ने पदोन्नति में आरक्षण के मुद्दे पर अभी अंतिम निर्णय नहीं किया है। इस मुद्दे पर कई याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति आर. डी. धनुका और न्यायमूर्ति एम. जे. जमदार की पीठ ने इस आदेश पर रोक लगाने से इंकार कर दिया लेकिन कहा कि पदोन्नति अदालत के आदेश के दायरे में होगी।
पीठ मामले में अगली सुनवाई 21 जून को करेगी। इस बीच, पीठ ने राज्य सरकार को अपना जवाबी हलफनामा दो हफ्ते के अंदर दायर करने का निर्देश दिया है। (एजेंसी)