impact of the strict lockdown, the silence in the stations, local went empty

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    मुंबई. मुंबई (Mumbai) एवं उपनगरों में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर पर ब्रेक लगाने के लिए राज्य सरकार द्वारा घोषित सख्त लॉकडाउन (Strict Lockdown) का असर शुक्रवार को सार्वजनिक यातायात पर दिखा। मुंबई की लाइफलाइन (Lifeline) कही जाने वाली लोकल ट्रेनें (Local Trains) खाली चली, वहीं मेट्रो (Metro) और मोनो (Mono) में अत्यावश्यक डयूटी पर लगे लोगों ने यात्रा की। उपनगरीय स्टेशनों के साथ मेट्रो- मोनो स्टेशनों पर भी शांति रही । प्रायः सर्वाधिक भीड़-भाड़ वाले सीएसएमटी स्टेशन पर अत्यावश्यक ड्यूटी से जुड़े यात्री ही दिखे। इस दौरान मध्य रेलवे के डीआरएम शलभ गोयल सहित अन्य अधिकारी स्टेशन पर नजर आए। सबेरे के समय भी स्टेशन पर यात्री कम नजर आए।

     पश्चिम रेलवे के नालासोपारा, वसई जैसे स्टेशनों पर यात्रियों की कुछ भीड़ नजर आई। अत्यावश्यक यात्रियों के लिए लोकल सेवा शुरू रही। दादर,  कुर्ला, घाटकोपर, ठाणे, कल्याण जैसे बड़े स्टेशनों पर भी कम यात्री नजर आए । 

    स्टेशनों की ज्यादातर एंट्री बंद

    मध्य और पश्चिम रेलवे के उपनगरीय स्टेशनों के ज्यादातर एंट्री-एग्जिट गेट बंद कर दिए गए हैं। पश्चिम रेलवे के विरार, नालासोपारा, वसई, बोरीवली आदि स्टेशनों के गेट पर आईकार्ड देख कर ही यात्रियों को छोड़ा गया। राज्य सरकार ने पहले से ही निजी कार्यालयों, स्कूल-कॉलेज और प्रतिष्ठानों को बंद रखने और सरकारी कार्यालयों में मात्र 15 प्रतिशत उपस्थिति का निर्देश दिया है। राज्य सरकार के निर्देश पर केवल अत्यावश्यक सेवा से जुड़े केंद्र व राज्य कर्मचारी, मेडिकल सेवा से जुड़े लोगों को ही रेलवे, मेट्रो के टिकट जारी किए गए। पश्चिम रेलवे के सीपीआरओ सुमित ठाकुर ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा जारी की गई गाइडलाइन के अनुसार ही लोकल यात्रा की इजाजत दी गई है। अनावश्यक लोग स्टेशन प्लेटफार्म पर प्रवेश न करें, इसलिए उपनगरीय स्टेशनो के कई एंट्री- एग्जिट बंद कर दिए गए हैं। गुरुवार की रात से ही घोषित पूर्ण लॉकडाउन के चलते ट्रेनों और बसों में बहुत कम लोग सवारी करते दिखे। 

    अनधिकृत यात्रियों पर कार्रवाई 

    मध्य रेलवे के सीपीआरओ शिवाजी सुतार ने बताया कि अत्यावश्यक कर्मचारियों के अलावा अनधिकृत रूप से लोकल में यात्रा कर रहे 25 लोगों पर कार्रवाई भी की गई।  शुक्रवार को मध्य रेलवे पर 1392 लोकल चलाई गई जो कुल लोकल संचालन की लगभग 80 प्रतिशत रही , हालांकि इसके बावजूद लोकल में भीड़ नहीं रही। 

    पश्चिम रेलवे पर भी नहीं दिखी भीड़

    पश्चिम रेलवे के सीपीआरओ सुमित ठाकुर ने बताया कि राज्य सरकार की गाइडलाइन के अनुसार अत्यावश्यक डयूटी वालों को ही लोकल यात्रा की परमिशन दी गयी। बड़े स्टेशनों पर 4 और अन्य स्टेशनों पर 2 गेट खोले  गए हैं। सुरक्षा में तैनात आरपीएफ-जीआरपी द्वारा स्टेशन पर आने वाले यात्रियों की जांच की जा रही है।  ठाकुर ने बताया कि पश्चिम रेलवे पर शुक्रवार को भी नियमित रूप से 1300 लोकल चलाई गई, परंतु यात्री कम रहे। चर्चगेट, मुंबई सेंट्रल, दादर, बोरिवली, अंधेरी जैसे स्टेशनों पर भी यात्री काफी कम दिखे। इसी तरह ट्रांसहार्बर और हार्बर लाइन पर भी लॉकडाउन का असर दिखा। लोकल खाली चल रहीं थीं। बताया गया कि पश्चिम और मध्य रेलवे की लोकल से शुक्रवार को मात्र 4 से 5 से लाख अत्यावश्यक कार्य में लगे लोगों ने यात्रा की। 

    मेट्रो भी रही खाली

    सख्त लॉकडाउन की वजह से मुंबई मेट्रो भी खाली रही। मेट्रो प्रशासन के अनुसार, घाटकोपर-वर्सोवा के बीच चलने वाली मेट्रो स्टेशनो पर शुक्रवार को अत्यावश्यक सेवा से जुड़े लोगों को ही प्रवेश दिया गया।  मोनो हमेशा की तरह खाली ही रही। सख्त लॉकडाउन के चलते अन्य सार्वजनिक यातायात के साधनों एसटी, बीएसटी, टीएमटी में कम भीड़ रही। इन वाहनों में भी केवल अत्यावश्यक कर्मचारियों को चलने की परमिशन दी गई है।

    टैक्सी-रिक्शा भी चले अत्यावश्यक सेवा में

    सरकारी सार्वजनिक यातायात साधनों के साथ मुंबई में टैक्सी-रिक्शा भी अत्यावश्यक सेवा से जुड़े लोगों के लिए चले। मुम्बई टैक्सी मेंस यूनियन के महासचिव ए. एल. क्वाडरोस के अनुसार पूर्ण लॉकडाउन से टैक्सी वालों की हालत और भी खराब हो गई है। इमरजेंसी में केवल दो लोगों को बिठाने की इजाजत मिली है। जब रोड पर लोग ही नहीं रहेंगे तो धंधा कहां से होगा। हालांकि शुक्रवार को स्टेशनों, एयरपोर्ट पर बाहर से आने वाले यात्रियों ने टैक्सियों का उपयोग किया । यूनियन ने टैक्सी वालों के लिए राज्य सरकार से पैकेज की मांग की है। रिक्शा चालकों को सरकार ने 1500 रुपए मदद की घोषणा की है। रिक्शा यूनियनों ने भी कम से कम 10 हजार के पैकेज की मांग की है।