- बोले- राज्य के सभी सांसद केंद्रीय वित्त मंत्री से मिले
- बजट को बनाया चुनावी, थोरात का निशाना
- आम आदमी का शोषण, चव्हाण का हमला
मुंबई. साल 2021- 2022 के लिए पेश केंद्रीय बजट (Central Budget) में महाराष्ट्र (Maharashtra)की झोली खाली रहने से महाराष्ट्र विकास आघाड़ी सरकार के मंत्रियों में भारी नाराजगी है। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री के साथ वित्त विभाग के मंत्री अजीत पवार (Ajit Pawar) ने कहा है कि राज्य के सभी सांसदों को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Union Finance Minister Nirmala Sitharaman) से मिल कर इस इस बारे में बात करनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि देश के वैज्ञानिकों ने कोरोना वायरस के खिलाफ वैक्सीन तैयार कर लोगों को नया जीवन देने का काम किया है, लेकिन केंद्रीय बजट ने एक बार फिर लोगों को मौत के कगार पर लाकर खड़ा कर दिया है। पवार ने कहा कि देश के खजाने में सबसे ज्यादा राजस्व महाराष्ट्र से जाता है, लेकिन बजट में महाराष्ट्र को पूरी तरह से दरकिनार किया गया है।
सभी लोगों को निराशा हाथ लगी
उन्होंने कहा कि आज कृषि कानून को लेकर दिल्ली बॉर्डर पर हजारों किसान आंदोलन कर रहे हैं। कोरोना की वजह से लाखों युवाओं ने अपनी नौकरी खो दी है। पिछड़े, आदिवासी और अल्पसंख्यकों के साथ अन्याय का सिलसिला जारी है। ऐसे में उम्मीद थी कि केंद्रीय बजट में किसानों और युवाओं के लिए कोई अहम घोषणा की जाएगी, लेकिन सभी लोगों को निराशा हाथ लगी है।
फडणवीस पर निशाना
उपमुख्यमंत्री पवार ने कहा कि विधानसभा में नेता विपक्ष देवेंद्र फड़णवीस पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए सिर्फ नाशिक और नागपुर के लोगों को बधाई दी है। उन्होंने कहा कि फड़णवीस ने पूरे महाराष्ट्र को बधाई देने की हिम्मत नहीं की, क्योंकि उन्होंने पता है कि बजट में महाराष्ट्र के लिए कुछ भी नहीं है। बजट में फडणवीस के होम टाउन नागपुर में चल रहे मेट्रो प्रोजेक्ट के दूसरे चरण के लिए 5 हजार 976 करोड़ रुपए और नाशिक मेट्रो के लिए 2 हजार 92 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। पवार ने कहा कि यह घोषणा भी इन शहरों में आने वाले दिनों में होने वाली महानगरपालिका चुनाव को ध्यान में रख कर किया गया है।
बजट को चुनावी घोषणा पत्र बना दिया
महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष और राजस्व मंत्री बालासाहेब थोरात ने कहा कि मोदी सरकार ने केंद्रीय बजट को चुनावी घोषणा पत्र बना दिया है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने सिर्फ उन राज्यों के लिए पैकेज की घोषणा की है, जहां आने वाले दिनों में विधानसभा का चुनाव होने वाले हैं। इसी के मद्देनजर बंगाल में 675 किलोमीटर लंबा नए राष्ट्रीय राजमार्ग (हाईवे) के निर्माण के लिए 25,000 करोड रुपए के बजट का प्रावधान किया गया है। थोरात ने आरोप लगाया कि सरकारी कंपनियों में विदेशी निवेश को बढ़ावा देकर इन सम्पतियों को बेचने की साजिश रची जा रही है।
आम आदमी का शोषण करने वाला बजट
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और पीडब्लूडी मंत्री अशोक चव्हाण ने कहा कि कोरोना महामारी झेलने के बाद केंद्रीय बजट से आम लोगों को काफी उम्मीदें थीं, लेकिन यह बजट आम आदमी का शोषण करने वाला है। उन्होंने कहा कि इस बजट में आम आदमी के अलावा किसानों, श्रमिकों, व्यापारियों और उद्योगपतियों को किसी भी तरह की राहत नहीं दी गई है। चव्हाण ने कहा कि कृषि क्षेत्र में केवल 3,000 करोड़ रुपए की वृद्धि कर के किसानों के साथ धोखा किया गया है। केंद्र सरकार ने पेट्रोल और डीजल की कीमतों को कम करने की दिशा में भी कोई कदम नहीं उठाया है।
बजट में महाराष्ट्र को खोजने की कोशिश
शिवसेना प्रवक्ता और सांसद संजय राउत ने केंद्र सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि वे केंद्रीय बजट में महाराष्ट्र को खोजने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि केंद्रीय बजट का पूरा भार महाराष्ट्र पर है, लेकिन इसमें यहां के लोगों के लिए कोई बड़ी घोषणा नहीं की गई है। राउत ने कहा कि केंद्रीय बजट देश का होता है, लेकिन ऐसा लगता है कि इसमें एनडीए में शामिल दलों के बीच फंड का बंटवारा हुआ है। उन्होंने कहा कि क्या केंद्र सरकार पेट्रोल और डीजल पर सरचार्ज लगाकर इसे 1,000 रुपए प्रति लीटर तक बढ़ाना चाहती है।