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    मुंबई: महाराष्ट्र (Maharashtra) की महिला एवं बाल विकास मंत्री यशोमति ठाकुर (Yashomati Thakur) ने कहा है कि राज्य में बाल भिक्षावृत्ति उन्मूलन के लिए कौशल विकास कार्यक्रम जल्द ही लागू किया जाएगा और साथ ही उन्होंने कोविड-19 महामारी के कारण अनाथ बच्चों को हर संभव मदद का आश्वासन दिया।

    ठाकुर ने शनिवार को जलगांव जिले में इस बात की घोषणा तब की जब एक बच्ची उनके पास आई और उन्हें बताया कि वह भीख मांगकर अपना जीवन यापन करती है। जलगांव और धुले जिलों का दौरा कर रही मंत्री ने पुलिस के प्रति गुस्सा और निराशा जताई और राज्य में बाल भिखारियों की बढ़ती समस्या पर चिंता व्यक्त की।

    ठाकुर ने पत्रकारों से कहा, “बाल और वयस्क भिखारियों के लिए एक कौशल विकास कार्यक्रम शुरू किया गया है और इसकी रणनीति जल्द ही लागू की जाएगी। कई जगहों पर भिखारियों का गिरोह है, इसलिए हमें ऐसे मुद्दों के प्रति संवेदनशील होने की जरूरत है। कानून के तहत भीख मांगना अपराध है।”

    धुले की यात्रा के दौरान, ठाकुर ने उन बच्चों से मुलाकात की जो कोविड-19 महामारी के कारण अनाथ और बेघर हो गए । उन्होंने अधिकारियों के साथ इस बात पर चर्चा की कि सरकारी योजनाओं से उन्हें कैसे फायदा हो सकता है। इस मौके पर मंत्री ने ऐसे बच्चों को तत्काल आर्थिक सहायता भी प्रदान की।

    ठाकुर ने कहा, “हमें अनाथों के लिए सरकारी सहायता और नीति से परे सोचने की जरूरत है।” उन्होंने कोविड-19 के कारण अनाथ बच्चों के लिए शिक्षा, पोषण और सुरक्षा की आवश्यकता व्यक्त की।  मंत्री ने कहा कि ऐसे बच्चों की मदद के लिए सरकार हमेशा तैयार रहेगी। इन बच्चों को राशन कार्ड सहित विभिन्न सरकारी लाभ प्रदान करने के लिए तत्काल कार्रवाई की जानी चाहिए। (एजेंसी)