मुंबई. राज्य में सीएम उद्धव ठाकरे (CM Uddhav Thackeray) के नेतृत्व में महाविकास आघाड़ी सरकार बनने के बाद से जहां भाजपा (BJP) हिंदुत्व को लेकर शिवसेना (Shiv Sena) को लगातार घेरने की कोशिश में लगी है, वहीं दूसरी तरफ शिवसेना ने हिंदुत्व (Hindutva) के मुद्दे पर राष्ट्रीय राजनीति में दखल देने की तैयारी की है। इसका संकेत शिवसेना नेता और सांसद संजय राउत (MP Sanjay Raut) ने दिया है। उन्होंने कहा है कि हिंदुत्व एवं मराठी दोनों विषय शिवसेना के लिए महत्वपूर्ण है। हिंदुत्व शिवसेना का पर्याय बन चुका है।
शिवसेना के 55 वें स्थापना दिवस पर संजय राउत ने कहा कि आने वाले दिनों में राष्ट्रीय राजनीति में शिवसेना की भूमिका महत्वपूर्ण रहेगी। पांच दशकों से सक्रिय पार्टी अपने विचारों को लेकर राष्ट्रीय राजनीति में दखल देगी। हालांकि पार्टी महाराष्ट्र के बाहर दूसरे राज्यों में विधानसभा एवं लोकसभा का चुनाव लड़ती रही है। शिवसेना नेता मनोहर जोशी लोकसभा अध्यक्ष रहे हैं। एनडीए की सरकारों में शिवसेना के सांसद मंत्री रहे हैं, लेकिन अब पार्टी खुद की ताकत से सरकार बनाने और गिराने की भूमिका निभाने की कोशिश करेगी।
राज्य की सीमा पार कर दिल्ली तक पहुंची
शिवसेना नेता राउत ने कहा कि 55 साल पहले जब शिवसेना की स्थापना हुई थी, तब यह कहा गया था कि यह मुंबई और ठाणे से बाहर नहीं जाएगी। 5-6 महीने बाद यह बंद हो जाएगी, लेकिन शिवसेना पूरे महाराष्ट्र में फैली। राज्य की सीमा पार कर दिल्ली तक पहुंची। शिवसेना के पहले एवं बाद में स्थापित हुए अनेक राजनीतिक दल समय के साथ खत्म हो गए। लेकिन जिस तरह बालासाहेब ने छोटे से छोटे शिवसैनिकों को ताकत दी उसी तरह पार्टी मजबूत हो कर उभरी है। राउत ने कहा है कि हिंदुत्व के लिए आज भी शिवसेना सामने आती है एवं बालासाहेब का विचार को लेकर आगे बढ़ रही है।
हिंदुत्व एवं मराठी दोनों विषय शिवसेना के लिए महत्वपूर्ण
शिवसेना नेता राउत ने यह भी कहा है कि शिवसेना मराठी व्यक्तियों से दूर नहीं गई है। हिंदुत्व एवं मराठी दोनों विषय शिवसेना के लिए महत्वपूर्ण हैं। आज हिंदुत्व की बुलंद आवाज कहने पर पूरे विश्व के हिंदुओं के सामने शिवसेना ही आती है।