मराठा आरक्षण पर समन्वय के लिए ठाकरे सरकार ने बनाई वकीलों की समिति

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मुंबई. मराठा आरक्षण पर लगी अंतरिम रोक को हटाने के मुद्दे पर उच्चतम न्यायालय में पांच सदस्यीय संविधान पीठ के समक्ष सुनवाई से पहले महाराष्ट्र सरकार ने पांच सदस्यीय समन्वय समिति का गठन किया है। समिति के पांचों सदस्य पेशे से वकील हैं। मराठा आरक्षण संबंधी मंत्रिमंडल की उप समिति के प्रमुख राज्य के पीडब्ल्यूडी मंत्री एवं कांग्रेस नेता अशोक चव्हाण ने शनिवार को जारी एक वक्तव्य में यह कहा। (Thackeray government formed a committee of lawyers to coordinate on Maratha reservation)

उन्होंने बताया कि मराठा आरक्षण पर लगी अंतरिम रोक को हटाने की राज्य की मांग के अनुरूप शीर्ष अदालत की संविधान पीठ सरकार की याचिका पर नौ दिसंबर को दोपहर दो बजे सुनवाई करेगी। चव्हाण ने कहा, ‘‘मराठा समुदाय के सदस्य, इतिहासकार, शोधकर्ता यदि कोई सुझाव देना चाहें तो इस बाबत वे वकीलों की समन्वय समिति से बात कर सकते हैं। (Thackeray government formed a committee of lawyers to coordinate on Maratha reservation)

समिति सुझावों का अध्ययन करेगी और उन्हें अदालत में पेश होने वाले सरकारी वकीलों तक पहुंचाएगी।” इस वर्ष सितंबर में उच्चतम न्यायालय ने मराठा समुदाय को 16 फीसदी आरक्षण देने से जुड़े महाराष्ट्र के सामाजिक एवं शैक्षिक रूप से पिछड़ा वर्ग (एसईबीसी) कानून के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी थी। आरक्षण समर्थक संगठनों के प्रदर्शनों के बीच सरकार ने शीर्ष अदालत द्वारा लगाई रोक हटाने की मांग को लेकर आवेदन दिया है। (एजेंसी)